अंग्रेजों से जीत की खुशी में हुई थी “हिल्ला” की शुरूआत, जानें, राघोगढ़ राजपरिवार की 207 वर्ष पुरानी परंपरा की कहानी

Raghogarh royal family: ग्वालियर अंचल के गुना में राघोगढ़ मध्यप्रदेश की राजनीति का हमेंशा से केंद्र रहा है. क्योंकि राघोगढ़ राज परिवार के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने राजनीतिक तौर-तरीको की वजह से हर दिन ही सुर्खियों में बने रहते हैं. हालांकि राघोगढ़ का नाम सिर्फ राजनीतिक कारणों की वजह से ही देश […]

Celebration Digvijay Singh Raghogarh royal family victory over the british Teej Holi
Celebration Digvijay Singh Raghogarh royal family victory over the british Teej Holi

विकास दीक्षित

11 Mar 2023 (अपडेटेड: 11 Mar 2023, 04:21 AM)

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Raghogarh royal family: ग्वालियर अंचल के गुना में राघोगढ़ मध्यप्रदेश की राजनीति का हमेंशा से केंद्र रहा है. क्योंकि राघोगढ़ राज परिवार के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने राजनीतिक तौर-तरीको की वजह से हर दिन ही सुर्खियों में बने रहते हैं. हालांकि राघोगढ़ का नाम सिर्फ राजनीतिक कारणों की वजह से ही देश में सुर्खियां नहीं बनता हैं बल्कि यहां का हिल्ला उत्सव भी देश में इसके इतिहास को लेकर चर्चित है. आज हम आपको बताएंगे राघोगढ़ में होने वाले हिल्ला उत्सव की कहानी जो होली के बाद तीज पर हर बार मनाया जाता है. क्या है इस उत्सव के पीछे का इतिहास और उसकी कहानी?. स्थानीय इतिहासकार राजेंद्र श्रीवास्तव (राजू) ने MP Tak के लिए इस उत्सव का महत्व और इतिहास सामने रखा.

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राघोगढ़ में हर साल की तरह इस बार भी होली की तीज़ के दिन “हिल्ला” का आयोजन किया गया. राघोगढ़ राजपरिवार द्वारा “हिल्ला” की परंपरा को पिछले 207 वर्षों से लगातार निभाया जा रहा है. राघोगढ़ के राजा दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने हजारों लोगों के साथ हिल्ला उत्सव मनाया.

हिल्ला की शुरुआत सन 1816 में हुई थी. राघोगढ़ रियासत के राजा जयसिंह ने अंग्रेजों से लड़ाई में विजय हांसिल की थी और तभी से हिल्ला की शुरुआत हुई. अंग्रेज़ी हुकूमत के समय फ्रांसीसी कर्नल माइकल फ्लॉज़ द्वारा बसंत पंचमी के दिन बजरंगढ किले से अपनी सेना के साथ राघोगढ़ किले के लिए कूच किया गया था. कर्नल ने अपनी सेना के साथ राघोगढ़ रियासत की घेराबंदी कर ली थी. लेकिन राजा जयसिंह ने अंग्रेज़ी हुकूमत के सामने हार नहीं मानी और बड़ी ही सूझबूझ से श्योपुर किले में कर्नल के परिजनों को बंधक बना लिया था. इसके बाद राजा जयसिंह और कर्नल के बीच एक समझौता हुआ जिसमें अंग्रेज़ी सेना राघोगढ़ से वापस चली गई.

अंग्रेजो से जीत की खुशी में शुरू हुआ हिल्ला उत्सव
अंग्रेजों से लड़ाई में जीत की खबर मिलते ही 4 गांव नांदेड़,खातीबाड़ा, मलियाटोडी और लठ्या के ग्रामीणों ने सूचना राघोगढ़ किले तक पहुंचाई थी. जीत की खुशी का पैगाम लेकर आए गांव वालों के साथ राजपरिवार ने इस विशेष अवसर को उत्सव के रूप में मनाया. जिसमें ढोल नगाड़े बजाकर खूब हल्ला हुआ. तभी से राघोगढ़ में हिल्ला उत्सव मनाया जाने लगा. हिल्ला उत्सव होली के तीसरे दिन यानी तीज़ पर मनाया जाता है. बीते शुक्रवार को पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह की मौजूदगी में हिल्ला उत्सव मनाया गया.

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