मध्यप्रदेश में 2 प्रतिशत वोटिंग का बढ़ना दे गया बड़े संकेत, क्या सच होगा PM मोदी का दावा?

मध्यप्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनाव में अब तक 76.24 प्रतिशत मतदान हुआ है जो अब तक का सर्वाधिक है. पिछले दो चुनावों की तुलना में इस बार सबसे अधिक वोटिंग हुई है.

Madhya Pradesh Assembly Elections, Voting Percentage, MP Election 2023, Kamal Nath, CM Shivraj, PM Narendra Modi, MP Election Result
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अभिषेक शर्मा

18 Nov 2023 (अपडेटेड: 18 Nov 2023, 09:41 AM)

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में इस बार बंपर वोटिंग हुई है. मध्यप्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनाव में अब तक 76.24 प्रतिशत मतदान हुआ है जो अब तक का सर्वाधिक है. पिछले दो चुनावों की तुलना में इस बार सबसे अधिक वोटिंग हुई है. 2013 में 72 प्रतिशत तो वहीं 2018 में 74 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 76 प्रतिशत से ऊपर चला गया है. अब राजनीतिक पंडित इस दो प्रतिशत वोटिंग की बढ़ोत्तरी के कई मायने निकाल रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि जब भी विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोत्तरी होती है तो इसे सत्ताधारी दल के फेवर में माना जाता है.

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इसे लेकर एमपी तक ने भी मध्यप्रदेश के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों से बात की. जिसमें उन्होंने संकेत दिए हैं कि वोटिंग प्रतिशत में जो दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, उससे बीजेपी को फायदा मिलता हुआ प्रतीत हो रहा है और ग्राउंड पर लाड़ली बहना योजना ने बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में पूरा योगदान दिया है. ऐसा लग रहा है.

ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जो अपनी जनसभाओं में बीजेपी की जीत का दावा किया था और जनता को निमंत्रण दिया था कि तीन दिसंबर के बाद भाजपा सरकार बनते ही उनको शपथ ग्रहण समारोह में आना है, क्या यह दावा सच साबित होता दिख रहा है.

हालांकि इसी के साथ राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि देहात क्षेत्रों में कांग्रेस को ज्यादा लाभ मिल सकता है तो वहीं शहरी क्षेत्र में बीजेपी को फायदा मिलने का अनुमान है. जिस तरह से मध्यप्रदेश के अलग-अलग रीजन में वोटिंग हुई है और ग्राउंड से जिस तरह का राजनीतिक माहौल निकलकर सामने आया है, उसके हिसाब से बीजेपी की सीटें ओपिनियन पोल में बताई गई सीटों की संख्या से अधिक आने का अनुमान लगाया जा रहा है.

वोटिंग के बाद बीजेपी दिख रही वजनदार?

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक धनंजय प्रताप सिंह बताते हैं कि हर रीजन से इस तरह की रिपोर्ट सामने आ रही हैं, जिसमें बीजेपी को फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है. लाड़ली बहना योजना ने भी ग्राउंड पर काम किया है, ऐसा होता हुआ दिख रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिल सकता है. हालांकि सही रिजल्ट के लिए सभी को तीन दिसंबर तक का इंतजार करना चाहिए लेकिन अभी तक के वोटिंग बाद आए रुझान बता रहे हैं कि कहीं न कहीं बीजेपी का अपर हैंड तो हुआ है.

वहीं एक बड़े मीडिया हाउस में एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा बताते हैं कि उनके पास देहात क्षेत्रों की जो रिपोर्ट निकलकर आ रही है, उसके हिसाब से तो कांग्रेस को देहात क्षेत्रों में बढ़ात्तरी मिलती दिख रही हैं तो वहीं शहरी क्षेत्रों में बीजेपी को अधिक सीटें कांग्रेस की तुलना में मिल सकती हैं.

राजीव बताते हैं कि देहात क्षेत्रों में जातिगत गोलबंदी हुई है. राजीव यह भी बताते हैं कि ग्वालियर-चंबल इलाके में इस बार परिणाम चौंका सकते हैं, क्योंकि सभी की सोच के विपरीत इस बार ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी की सीटें बढ़ सकती हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को इस रीजन से सिर्फ सात सीटें मिली थीं लेकिन इस बार यह आंकड़ा 12 के पार जा सकता है. हालांकि इस रीजन में कांग्रेस को ही अपर हैंड रहेगा. लेकिन महाकौशल, मालवा, विंध्य, भोपाल रीजन, बुंदेलखंड में करीबी मुकाबला हुआ है. जिसके कारण ओपिनियन पोल या सर्वे रिपोर्ट की तुलना में बीजेपी को अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं.

सट्‌टा मार्केट में भी बीजेपी की सीटों में दिखाई है बढ़ोत्तरी

फलौदी सट्‌टा बाजार की माने तो मध्यप्रदेश में सम्पन्न हुए चुनाव के बाद दोनों प्रमुख पार्टियों में बराबरी का मुकाबला बना हुआ है. सट्टा बाजार के सटोरियों के मुताबिक मध्यप्रदेश में BJP को 110 से 112 सीट व कांग्रेस को 114 से सी 116 सीट आने की संभावना है और दोनो का भाव भी बराबर 1-1 रुपये चल रहा है. पूर्व में बीजेपी को इससे कम सीटें मिलना बताया गया था. सटोरियाें के मुताबिक 80 फीसदी चांस BJP द्वारा सरकार बनाये जाने के है. जबकि कांग्रेस के मात्र 20 फीसदी ही हैं, सट्टा बाजार के अनुमान के बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीरे खिचनी शुरू हो गई हैं.

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