Jabalpur News: जबलपुर की ग्रे आयरन फाउंड्री में थाउजेंड पाउंडर बम के खोलों का उत्पादन शुरू हो चुका है. अब तक यह घातक बम केवल मुरादनगर में ही बनाया जाता था, लेकिन पहली बार जबलपुर (jabalpur) की ग्रे आयरन फाउंड्री को वन थाउजेंड पाउंडर बम बनाने का ऑर्डर मिला है. जिसके तहत पांच बमों का पहला सैंपल तैयार हो गया है. थाउजेंड पाउंडर बम को देश का सबसे बड़ा बम माना जाता है. इस बम के खोल-बनाने का काम पहली बार देश की किसी छोटी निर्माणी को सौंपा गया है.
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जानकारी के मुताबिक ग्रे आयरन फाउंड्री में इस घातक बम की बॉडी डिजाइन की गई है. जिसमें अब विस्फोटक सामग्री आयुध निर्माण खमरिया फैक्ट्री में भरी जाएगी. बम की बॉडी का आर्डर को आज पूजा करके फैक्ट्री से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. तकरीबन 420 किलो ग्राम का यह घातक बम वायु सेना के रफाल फाइटर प्लेन में भी लगाया जा सकता है.
बम का वजन 440 किलो
थाउजेंड पाउंडर बम का वजन फिलिंग पूरी होने के बाद 440 किलो होता है, जबकि इसके खोल का वजन 220 किलो बताया जा रहा है. इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए क्रेन का इस्तेमाल करना पड़ता है. इस भारी भरकम बम का बनाने का काम जबलपुर में किया गया है. आने वाले समय में और भी बड़े ऑडर मिलने की संभावना है.
एयर स्ट्राइक के दौरान उपयोग किया गया था बम
जबलपुर की GIF फैक्ट्री (Jabalpur News) के कर्मचारियों के सामने बड़ी चुनौती थी कि इस बम को जुलाई के अंत तक बनाना है. इस स्वदेशी बम की खासियत बताते हुए कर्मचारियों का कहना है, कि यह बम सटीक मारक क्षमता वाला है, और जिस जगह पर यह गिराया जाएगा. दो-तीन किलोमीटर के एरिया में नष्ट कर देता है. यह बम का उपयोग कुछ ही समय पहले पाकिस्तान एयर स्ट्राइक कर दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट किया था.
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