Lt. Rekha Singh Story: उमरिया मध्य प्रदेश की बेटी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने पति के बलिदान के बाद अदम्य साहस की ऐसी मिसाल पेश की है, जो बिरले ही देखने और सुनने में आती है. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में पति दीपक सिंह के शहीद होने के बाद फैसला किया कि वह सेना में शामिल होंगी. रेखा सिंह सेना में शामिल हुईं और अपनी कड़ी मेहनत से लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया. खास बात ये है कि रेखा ने वहीं पर पोस्टिंग ली है, जहां उनके पति दीपक सिंह शहीद हो गए थे.
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उमरिया जिले के बेटी रेखा सिंह की कहानी देश प्रेम, पति की शहादत, कड़ी मेहनत, हार न मानने के जज्बे की है. इसलिए रेखा सिंह वहां पहुंचीं, जहां पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है. अब रेखा सिंह ने सेना में अपने शहीद पति का लेफ्टिनेंट का ओहदा हासिल किया है. उस लद्दाख क्षेत्र में ही अब उन्होंने पोस्टिंग ली है, जहां पर उनके पति शहीद हुए थे.
लेफ्टिनेंट रेखा सिंह और उनके शहीद पति की चर्चा आज इसलिए, क्योंकि रेखा सिंह के परिजनों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 78वीं वर्षगांठ पर अमर शहीद स्टेडियम मे उमरिया कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने सम्मानित किया है.
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पूरा हुआ रेखा सिंह का ख्वाब
उमरिया जिले के ग्राम धमोखर की रहने वाली रेखा सिंह का विवाह रीवा निवासी स्व. दीपक सिंह के साथ हुआ था. दीपक सिंह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत थे. 2020 में भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प में लेफ्टिनेंट दीपक शहीद हो गए, जिसके बाद उनकी पत्नी रेखा सिंह ने देश प्रेम की मिशाल कायम करते हुए सेना में भर्ती होने के लिए पढ़ाई पूरी की. न केवल पढ़ाई की बल्कि परीक्षा देकर देशसेवा के लिए लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया.
शनिवार को शहीद दीपक सिंह की पत्नी ने सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया, लेफ्टिनेंट रेखा सिंह चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी की पास आउट परेड में शामिल होने वाली 40 महिलाओं में शामिल हैं. रेखा सिंह ने अपनी ज्वाइनिंग पति जहां शहीद हुए उसी लद्दाख रीजन में ली है.
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पति गुजर जाने पर नहीं मानी हार, अब बनीं लेफ्टिनेंट
रेखा सिंह को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भारतीय सेना में शामिल किया गया. इस दौरान उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे. वहीं भारतीय सेना का हिस्सा बनने पर लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने कहा, "मेरे पति के गुजर जाने के बाद मैंने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया और इसकी तैयारी शुरू कर दी था. आज मेरी ट्रेनिंग पूरी हो गई है और मैं लेफ्टिनेंट बन गई हूं."
उन्होंने आगे कहा- "मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है और मैं सभी महिला उम्मीदवारों को सलाह देना चाहूंगी कि वे खुद पर भरोसा रखें. दूसरों के बारे में सोचे बिना वह करें जो वे करना चाहती हैं.’
जून 2020 में गलवान में हुई थी चीनी सैनिकों से झड़प
बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच जून 2020 में झड़प हुई थी. इस संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जिनमें दीपक सिंह भी शामिल थे. बिहार रेजिमेंट की 16वीं बटालियन के नायक दीपक सिंह को इस दौरान दिखाई गई वीरता के लिए वर्ष 2021 में मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
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