शहीद की पत्नी अब सेना में लेफ्टिनेंट, जहां पति को मिली शहादत, वहीं मिली पहली तैनाती

Rews News:  शादी के महज 15 महीने बाद अपने शहीद पति को खोने वाली रेखा सिंह अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है. वह बतौर लेफ्टिनेंट सेना में कमीशन हुई हैं. रेखा सिंह की पहली पोस्टिंग ऑर्डिनेंस रेजिमेंट लेह में हुई है. इसके साथ ही रेखा ने विंध्य का गौरव बढ़ा दिया. पासिंग परेड […]

Martyr's wife became lieutenant in army, where husband got martyrdom, got first posting there
Martyr's wife became lieutenant in army, where husband got martyrdom, got first posting there

विजय कुमार

29 Apr 2023 (अपडेटेड: 29 Apr 2023, 02:07 PM)

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Rews News:  शादी के महज 15 महीने बाद अपने शहीद पति को खोने वाली रेखा सिंह अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है. वह बतौर लेफ्टिनेंट सेना में कमीशन हुई हैं. रेखा सिंह की पहली पोस्टिंग ऑर्डिनेंस रेजिमेंट लेह में हुई है. इसके साथ ही रेखा ने विंध्य का गौरव बढ़ा दिया. पासिंग परेड में शहीद दीपक सिंह के पिता और भाई भी मौजूद थे. सभी ने इस लम्हे में अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया. आपको बता दें गलवान घाटी में ही दीपक सिंह शहीद हुए थे, और अब उनकी पत्नी को भी पहली तैनाती वहीं दी गई है.

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गम और गुस्सा इंसान को तोड़ देता है, लेकिन रेखा सिंह ने इसे ही अपनी ताकत बनाया. भारतीय सेना के ट्रेनिंग सेंटर चेन्नई में रेखा सिंह पासिंग परेड में शामिल हुई. जहां उनके कंधे में लेफ्टिनेंट का बैच लगाया गया. अब लेफ्टिनेंट रेखा सिंह शहीद पति की शहादत का बदला चीन से लेने के लिए लेह में तैनात रहेगी. गौरतलब है की लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना से हुई झड़प में लांस नायक दीपक सिंह शहीद हो गए थे.

फोटो: एमपी तक

पति का सपना पूरा करने केे लिए छोड़ स्कूल टीचर की नौकरी
शादी से पहले रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थीं. उच्च शिक्षा प्राप्त रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे. विवाह के बाद उनके पति शहीद दीपक सिंह ने अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया था. रेखा सिंह ने पति की शहादत के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया. इसमें मायके और ससुराल के परिवारजनों ने पूरा सहयोग किया. रेखा सिंह को मध्यप्रदेश शासन की ओर से शिक्षाकर्मी वर्ग दो पद पर नियुक्ति दी गई. उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना शिक्षकीय दायित्व निभाया.

लेकिन उनके मन में सेना में जाने की इच्छा लगातार बनी रही. रेखा सिंह ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की. रेखा सिंह को रीवा जिला प्रशासन तथा जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने सेना में चयन के संबंध में उचित मार्गदर्शन और संवेदनशीलता से सहयोग दिया. रेखा सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत से काम लेकर और कठिनाईयों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण से परिस्थिति का सामना करते हुए अप्रतिम उपलब्धि हासिल की. उन्होंने पति दीपक सिंह के उन्हें अधिकारी बनाने के सपने को पूरा किया. भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर प्रशिक्षण 28 मई से चेन्नई में शुरू हुआ था. भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर सेवाएं देंगी. उनकी पहली पोस्टिंग ऑर्डिनेंस रेजिमेंट में हुई है. यह रेजिमेंट लेह में मौजूद है.

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