इंदौर में एक वाद-विवाद प्रतियोगिता के दौरान ऐसा नजारा देखने को मिल गया जिससे पूरे मंच में सन्नाटा पसर गया, और यही सन्नाटा ठहाकों में बदल गया.
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मंच पर बैठे थे एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव, इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव और बीजेपी के कई बड़े नेता. वहीं माइक पर थे मेयर साहब के अपने ही बेटे संघमित्र भार्गव. भार्गव ने राज्य सरकार की नाकामियों पर ऐसा धारदार भाषण दिया कि हर कोई सोचने पर मजबूर हो गया.
बेबाकी से कह दी बड़ी बात
मेयर साहब के बेटे संघमित्र ने जब भाषण की शुरुआत की तो उस वक्त शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि वो इतनी बेबाकी से बुलेट ट्रेन से लेकर रेलवे घोटालों तक. हर मुद्दे पर सवाल खड़ा कर देगा.
संघमित्र ने सीधे-सीधे कहा कि, "सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ेगी, लेकिन अब 2025 आ गया है और बुलेट ट्रेन का कोई नामो-निशान नहीं है."
इतना ही नहीं, उन्होंने रेलवे में हो रही लापरवाही और सुरक्षा खामियों की भी जमकर क्लास ली. उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में 20,000 से ज्यादा लोगों ने रेलवे हादसों में जान गंवाई है.
इसी दौरान उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “जब रेल की पटरी से ट्रेन फिसलती है, तो सिर्फ डिब्बे नहीं टूटते, किसी मां की गोद सुनी हो जाती है, किसी बच्चे का भविष्य अंधकार में चला जाता है.”
रीडेवलपमेंट पर खोल ही पोल
संघमित्र यही नहीं रुके उन्होंने स्टेशन रीडेवलपमेंट की भी पोल खोलते हुए कहा कि एयरपोर्ट जैसे 400 स्टेशन बनाने का सपना दिखाया गया, लेकिन CAG रिपोर्ट की मानें तो 80 प्रतिशत प्रोजेक्ट आज भी अधूरे हैं. सुरक्षा के लिए जो पैसा तय था, उसका भी इस्तेमाल दूसरी जगह कर दिया गया.
मेयर के बेटे ने ये भी आरोप लगाया कि रेलवे की कैटरिंग का करोड़ों का ठेका सिर्फ एक ही कंपनी को दे दिया गया, और फिर तंज कसते हुए कहा- “सरकार कहती है सबका साथ-सबका विकास, लेकिन रेल में हो रहा है दलाल का साथ, निशेष का विकास और जनता का विनाश.”
मंच पर बैठे सीएम मोहन भी मुस्कुरा उठे
संघमित्र की यह बेबाकी सुनकर मंच पर बैठे सीएम मोहन यादव भी खुद को हंसने से नहीं रोक पाए. उन्होंने संघमित्र की तारीफ करते हुए कहा, “ऐसी ही वाद-विवाद प्रतियोगिताओं से अच्छे वक्ता निकलते हैं. पक्ष हो या विपक्ष, जब जिम्मेदारी मिलती है तो सच बोलना ही पड़ता है.”
विपक्ष की खुशी
अपने बेटे के इस भाषण से एक तरफ जहां मेयर पिता पुष्यमित्र भार्गव थोड़ा असहज नजर आए, वहीं विपक्ष खासकर कांग्रेस इस मौके को भुनाने में जुट गई है. इस मामले पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मेयर के बेटे संघमित्र की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें ‘प्रभावशाली वक्ता’ कहा और बधाई भी दी.
क्या ये बस प्रतियोगिता थी?
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये मात्र एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का हिस्सा था या इसके पीछे कोई बड़ा संदेश छिपा है? क्या भारतीय जनता पार्टी को अपने ही घर से विरोध की आवाजें सुनने को मिल रही हैं?
फिलहाल मेयर के बेटे का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, और कांग्रेस समेत विपक्ष इसे बीजेपी पर हमले के हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
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