प्रभारी मंत्री जिले में करेंगे रात्रि विश्राम! Mohan Cabinet ने निकायों को लेकर किया ये बड़ा फैसला

Mohan Cabinet Meeting: डिप्टी सीएम शुक्ल ने कैबिनेट बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि नगरीय निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो तिहाई के बजाय अब तीन चौथाई बहुमत की जरूरत होगी. इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया जा सकेगा.

मोहन कैबिनेट की मीटिंग में कई बड़े फैसले किए गए हैं.
मोहन कैबिनेट की मीटिंग में कई बड़े फैसले किए गए हैं.

एमपी तक

20 Aug 2024 (अपडेटेड: 20 Aug 2024, 09:03 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मोहन कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं

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मदरसों में दूसरे धर्म की शिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला

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प्रभारी मंत्रियों को अब जिले में करना होगा रात्रि विश्राम

Mohan Cabinet Big Decision: मध्य प्रदेश में मोहन सरकार के सभी मंत्रियों को अब प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम करना होगा. मंत्री चाहें तो रात्रि विश्राम जिला मुख्यालय या किसी जनपद या फिर गांव में कर सकते हैं. ये बड़ा फैसला मंगलवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में लिया गया. डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कैबिनेट की बैठकों की जानकारी दी. भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई.

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डिप्टी सीएम शुक्ल ने कैबिनेट बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि नगरीय निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो तिहाई के बजाय अब तीन चौथाई बहुमत की जरूरत होगी. इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया जा सकेगा.

नगर निकायों में अविश्वास प्रस्ताव रोकने के नियमों में संशोधन

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि बैठक में नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 2 साल के बजाय 3 साल की अवधि तय कर दी गई है. इसमें यह भी तय हुआ है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो तिहाई के बजाय तीन चौथाई बहुमत की जरूरत होगी. इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया जा सकेगा. कैबिनेट ने पूर्व में लाए गए अध्यादेश को पलट दिया है. नगरपालिका अधिनियम की धारा 43 क में संशोधन करके यह फैसला किया गया है. 

मदरसों का मामला कैबिनेट में

डिप्टी सीएम शुक्ला ने कहा कि मदरसों में अन्य धर्म की शिक्षा पर प्रतिबंध के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं. संविधान के अनुच्छेद 28 (3) के प्रावधान के अनुसार मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को उनके धर्म की शिक्षा के विपरीत अन्य धर्म की शिक्षा ग्रहण करने अथवा उपासना में उपस्थित होने को बाध्य करने वाले मदरसों के सभी शासकीय अनुदान बंद किए जाएंगे. 

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कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले

  1. चार मिशन गठित होंगे: मुख्यमंत्री यादव ने युवा कल्याण, किसान कल्याण मिशन महिला सशक्तिकरण मिशन और गरीब कल्याण मिशन आरंभ करने की जानकारी दी है. 
  2. ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की इकाइयां बढ़ेंगी: प्रदेश में जिन संभागीय मुख्यालयों में ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त के दफ्तर नहीं हैं, वहां दफ्तर खोले जाएंगे. इसमें शहडोल, नर्मदापुरम और चंबल में एसपी ईओडब्ल्यू के कार्यालय खुलेंगे.
  3. जन्माष्टमी की रहेगी प्रदेशभर में धूम: जन्माष्टमी पर्व 26 अगस्त को प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े विविध पक्षों पर केन्द्रित कार्यक्रम होंगे. जन्माष्टमी में सभी मंत्री अपने जिलों में कार्यक्रमों में शामिल हों.
  4. मां नर्मदा मिशन के लिए मंत्रिमंडलीय समिति बनेगी: समग्र नर्मदा विकास के उद्देश्य से मां नर्मदा मिशन के लिए मंत्रिमंडलीय समिति गठित की जाएगी. मिशन के अंतर्गत नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर गुजरात सीमा तक नगरीय निकाय और पंचायत राज संस्थाएं नर्मदा नदी के प्रवाह की निरंतरता और सहायक नदियों व जल स्त्रोतों के स्वास्थ्य के लिए कार्य करेंगी.
  5. चितरंगी में प्रेशराइज्ड पाइप माइक्रो इरीगेशन योजना: सिंगरौली जिले के चितरंगी में 1320.14 करोड़ के माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट को मंजूरी कैबिनेट ने दी है. 31.25 मेगावाट बिजली बनेगी और 18 से 24 माह में यह पूरी होगी. चितरंगी प्रेशराइज्ड पाइप माइक्रो इरीगेशन योजना है. 

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साइबर तहसील का होगा विस्तार

साइबर तहसील का विस्तार सभी जिलों में होगा. दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत हुई थी. पूरे प्रदेश के तहसील संवर्ग के 619 पदों में से तहसीलदार संवर्ग के 10 पद, प्रतिनियुक्ति के लिए तय नायब तहसीलदार के 15 पदों समेत कुल 25 पदों को प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत साइबर तहसील में काम करने की मंजूरी दी गई है. 

जिलों में खुलेंगे महिला सशक्तिकरण केंद्र

सभी जिलों में महिला सशक्तिकरण केंद्र खोले जाएंगे. इसके लिए 364 पदों के लिए मंजूरी दी गई है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार के 60:40 प्रतिशत राशि खर्च होगी. राज्य स्तर पर पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) और जिला स्तर पर डीएमआईयू (डिस्ट्रिक्ट मैनेजमेंट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) की स्थापना की जाएगी. 2.73 करोड़ रुपए हर साल खर्च आएगा.

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