इंदौर पहुंचे मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर जताई चिंता, बोले- "पहले यह सेवा था, लेकिन आज कर्मिशयल कर दिया गया"

Mohan Bhagwat statement: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने इंदौर में शिक्षा व स्वास्थ्य के बढ़ते व्यावसायीकरण पर चिंता जताई, कहा- ये सेवाएं अब आम आदमी की पहुंच से बाहर.

RSS chief Mohan Bhagwat expressing concern over expensive education and healthcare in Indore speech
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर जताई चिंता

NewsTak

11 Aug 2025 (अपडेटेड: 11 Aug 2025, 09:24 AM)

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Mohan Bhagwat statement: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को इंदौर में एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद बीजेपी-आरएसएस के रिश्ते को लेकर फिर से चर्चाएं तेज हो गई है. दरअसल बीते कल यानी रविवार को संघ प्रमुख भागवत इंदौर में एक कैंसर हॉस्पिटल पहुंचे थे जहां उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के मौजूदा हालात को लेकर चिंता जताई.

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मोहन भागवत ने मंच से साफतौर पर कहा है कि अब शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा दोनों सामान्य व्यक्ति के हाथों से कहीं बाहर जा चुकी है. पहले इन क्षेत्रों में सेवा का भाव था लेकिन अब इन्हें कमर्शियल(व्यावसायिक) कर दिया गया है. आइए विस्तार से जानते हैं क्या कुछ कहा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने.

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर जताई चिंता

मोहन भागवत ने कहा, स्वास्थ्य और शिक्षा आज के इस समय में दो ऐसे विषय है, जो समाज के लिए सबसे जरूरी है. मनुष्य को ज्ञान के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है, इसके लिए वह सारी सीमाएं लांघ कर अपना बेच देगा ताकि उसके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकें.

इसी तरह स्वस्थ शरीर के लिए आदमी अपने जीवन भर की कमाई को लगा देता है जिससे की बेहतर इलाज मिल सकें. स्वस्थ शरीर सब कर सकता है लेकिन अस्वस्थ शरीर नहीं. लेकिन मौजूदा वक्त में दोनों ही सुविधाएं ना तो सस्ती है और ना ही आसानी से मिल रही है.

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लोगों के पहुंच से बाहर शिक्षा और स्वास्थ्य 

आगे इसी कड़ी में संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि ये भी नहीं कहा जा सकता है कि स्कूल और हॉस्पिटल नहीं बढ़ रहें है. इन दोनों क्षेत्रों में लगातार विकास हो रहा है और आवश्यकता के हिसाब से इनकी संख्या भी बढ़ रही है.

लेकिन इस पर विचार करने से पता चला है कि यह आम आदमी से इसलिए दूर हो जाते है क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य अब सेवा से ज्यादा कमर्शियल(व्यावसायिक) रूप दे दिया गया है. जब यह दोनों व्यवसाय बन जाते है तो यह आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाता है.

आम लोगों की पहुंच से बाहर

भागवत ने कहा है कि समाज के लिए वो चिकित्सा सुविधा चाहिए जो सहज और सुलभ हो. आगे संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि उन्होंने हाल के दिनों में ही एक कोई रिपोर्ट पढ़ी जिसमें यह बताया गया कि भारत की शिक्षा व्यवस्था अब 'ट्रिलियन डॉलर' का बिजनेस एंपायर बन चुकी है.

जब कोई भी क्षेत्र इतना बड़ा व्यवसाय बन जाता है, तो वह स्वतः ही सामान्य व्यक्ति के पहुंच से बाहर हो जाता है. आपकों बता दें कि देश भर के निजी स्कूलों और अस्पतालों में बढ़ती फीस और महंगे इलाज को लेकर चर्चा हो रही थी की इसी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान को महत्वपूर्ण मैसेज माना जा रहा है.

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