MP Politics: लाड़ली बहना योजना लंबे समय से मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. अब इसे लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने मोहन सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. दरअसल, सोमवार को विधानसभा में प्रदेश का अंतरिम बजट (Budget) पेश किया गया, लेकिन इसमें लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojna) की राशि बढ़ाने को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है. अब इस मुद्दे को लेकर जीतू पटवारी ने सरकार पर तंज कसा है.
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पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट कर लिखा कि सरकार लाड़ली बहना योजना में दी जाने वाली 1250 रुपए की राशि को नहीं बढ़ा रही है. वित्त मंत्री ने जो अंतरिम बजट पेश किया है, उसमें ये साफ हो गया है कि जुलाई तक लाड़ली बहनों को 1250 रुपए प्रति माह ही मिलेगा. उन्होंने सीएम मोहन यादव पर आरोप लगाते हुए लिखा कि मोहन यादव जी समझ नहीं आता आपकी हिम्मत की दाद दूं या फिर लाड़ली बहनों के साथ हो रही धोखाधड़ी के लिए एक निंदा प्रस्ताव भेज दूं.
बीजेपी को महिला वोट की जरुरत नहीं
जीतू पटवारी ने लिखा, “वित्तमंत्री ने 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश किया है, इसमें महिला बाल विकास विभाग को 9 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई है. जबकि, माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए लाड़ली बहना की राशि को बढ़ाया जाएगा, लेकिन अंतरिम बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इसके सिर्फ दो ही कारण हो सकते हैं. एक – वोट लेने के बाद भूल जाने की पुरानी आदत को बीजेपी दोहरा रही है. दूसरा – लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अब महिलाओं के वोट की आवश्यकता ही नहीं है.”
उन्होंने लिखा कि विधानसभा चुनाव में जिस तरह से बार-बार अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को धमकाया गया कि “वोट नहीं, तो योजना नहीं” लेकिन, बाद में सब कुछ भुला दिया गया. भाजपा भलें ही भूल गई, लेकिन महिलाएं याद रखेंगी. झूठ का पूरा और पक्का हिसाब लेंगी.
पूर्व सीएम ने किया था राशि बढ़ाने का ऐलान
गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई थी. आर्थिक रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई इस योजना के जरिए हर महीने महिलाओं के खाते में रुपये डाले जाते हैं. शिवराज सिंह चौहान ने योजना की राशि धीरे-धीरे 1000 से बढ़ाकर 3000 तक करने का ऐलान किया था. हालांकि अब 1250 रुपये प्रति महीने दिए जाते हैं, लेकिन बजट में इसे बढ़ाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन अंतरिम बजट में इसे लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया.
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