मध्य प्रदेश के इन जिलों के चुनाव परिणाम क्या बदल देंगे प्रदेश की सत्ता? जानिए ये है बड़ी वज़ह

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के परिणामों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इन परिणामों पर जितनी नजर राजनीतिक दलों की है उससे कहीं अधिक जनता अपनी नजर बनाए हुए हैं.

Madhya Election 2023, exit poll government in MP, exit poll indicate, MP Election 2023, mp election result, mp election result update, mp breaking news, who is the next cm in mp, mp politics, mp news
Madhya Election 2023, exit poll government in MP, exit poll indicate, MP Election 2023, mp election result, mp election result update, mp breaking news, who is the next cm in mp, mp politics, mp news

अमन तिवारी

29 Nov 2023 (अपडेटेड: 29 Nov 2023, 05:27 AM)

follow google news

MP Election Result 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के परिणामों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इन परिणामों पर जितनी नजर राजनीतिक दलों की है उससे कहीं अधिक जनता अपनी नजर बनाए हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो कई ऐसे जिले थे जहां बीजेपी और कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा परिणाम सामने आए थे. इसी को देखते हुए इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों की नजर इन जिलों पर बनी हुई है.

Read more!

मध्य प्रदेश के इन जिलों के परिणामों पर कांग्रेस और बीजेपी सबकी नजर बनी हुई हैं, इनमें टीकमगढ़, रीवा, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर और नीमच जिले की सभी सीटें भाजपा ने जीती थीं, जबकि मुरैना, अशोक नगर, अनूपपुर, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, आलीराजपुर और झाबुआ, जिले की सभी सीटें कांग्रेस ने जीती थी.

छतरपुर और खरगोन का नतीजा एक जैसा था

पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम में बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था. इसमें छतरपुर जिले का परिणाम ऐसा रहा था कि यहां मंत्रियों तक को चुनाव हारना पड़ा था. यहां से छतरपुर, बड़ामलहरा, राजनगर, महाराजपुर पर कांग्रेस ने कब्जा किया था, तो वहीं बीजेपी को महज एक सीट चंदला से संतुष्ट होना पड़ा था. इसके अलावा बिजावर सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

खरगोन जिले की छह में से पांच सीटें कांग्रेस ने तो एक पर कांग्रेस के बागी (केदार डाबर) निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते थे. अब ये कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

आदिवासी अंचल पर सबकी नजर

पिछले चुनाव में अगर कांग्रेस को जीत मिली थी, और 15 साल का वनबास खत्म हुआ था तो वो आदिवासी अंचल की वजह से ही हुआ था. क्योंकि यहां कांग्रेस को एकतरफ जीत मिली थी. राजनीतिक जानकार बतातें हैं कि अगर आदिवासी सीट यहां से वहां होती तो कांग्रेस सत्ता में नही आ पाती. यही कारण है कि इस चुनाव में भी कांग्रेस का फोकश आदिवासी अंचल पर रहा है. जिसकी कमान कांतिलाल भूरिया को दी गई थी.

मालवा-निमाड़ में 15 जिले और 66 सीटें आती हैं. यह क्षेत्र किसान और आदिवासी बाहुल्य है. प्रदेश की 47 रिर्जव सीटों में से 22 ST सीटें इसी क्षेत्र में आती हैं. इस बार के चुनाव में इस क्षेत्र में करीब 79 प्रतिशत वोटिंग हुई है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने यहां 66 सीटों में से 35 सीटों पर विजय हासिल की थी. वहीं बीजेपी केवल 28 सीटों पर संतुष्ट हुई, इसी कारण मालवा-निमाड़ सूबे का वो इलाका जो सत्ता की चाबी कहा जाता है. एमपी के इस इलाके ने जिसका भी साथ दिया उसे सत्ता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है.

ये भी पढ़ें: फलौदी सट्टा बाजार ने MP में जीत की उम्मीद लगाए कांग्रेस को दिया बड़ा झटका, जानें लेटेस्ट अपडेट

    follow google newsfollow whatsapp