MP Election 2023: सीधी जिले में बीते जुलाई माह में हुए आदिवासी पेशाब कांड में अब एक नया मोड़ सामने आया है. पीड़ित आदिवासी दशमत रावत ने चंद्रशेखर आजाद के संगठन भीम भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी का दामन थाम लिया है. पीड़ित आदिवासी युवक का कहना है कि “उसका किसी तरह से कोई खोज खबर नहीं ले रहा था”. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी “फोन उठाना बंद कर चुके हैं” अब परेशान होकर दशमत ने अजाक्स पार्टी का दामन थाम लिया है. आपको बता दें दशमत रावत एक सप्ताह पहले ही पार्टी ज्वाइन करने की बात कह चुके थे.
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दरअसल बीते जुलाई माह में सीधी के रहने वाले दशमत का एक वीडियो वायरल हुआ था. मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार वीडियो के चलते बैकफुट पर आ गई थी. आनन-फानन में पीड़ित युवक दशमत रावत को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर बुलाकर पैर धोकर सम्मान किया था. जिस दौरान सीएम शिवराज ने कहा था कि अपनी जोड़ी अब सुदामा जैसी है. कोई भी कैसी भी जरूरत हो तुरंत कॉल कर देना. मैं हर संभव मदद करूंगा. पिछले सप्ताह MPTAK से बातचीत के दौरान दशमत रावत ने सीएम शिवराज और बीजेपी पर कई आरोप लगाए थे.
उधारी में चल रहा जीवन-दशमत
पीड़ित युवक दशमत रावत का कहना है कि “मुख्यमंत्री के किए गए सहयोग का पैसा अब घर के निर्माण में पूरी तरह से खर्च हो गया है. अब उसके लिए जीवकोपार्जन के लिए खर्चा नहीं है. इसलिए वह मजदूरी करना चाहता है. लेकिन घर में चार पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. इसलिए वह मजदूरी नहीं कर पाता है. इतना ही नहीं उसने कहा कि वह उधारी लेकर अपने घर के खर्च चल रहा है. चंद्रशेखर आजाद की अजाक्स पार्टी द्वारा लोगों ने भरोसा दिलाया कि उनके जनप्रतिनिधि अगर जीतेगा तो उसे मदद करेगा. और भरोसे से उसने अजाक्स पार्टी को ज्वाइन करते हुए अपने घर में झंडा लगा लिया है.
पुलिस कर्मियों के कारण दशमत नहीं कर पा रहा मजदूरी
सीएम शिवराज से मुलाकात के तुरंत बाद दशमत रावत को प्रधानमंत्री आवास से डेढ़ लाख रुपए की मदद एवं ₹500000 का चेक प्रदान किया था. बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए भी सब सुविधा देने का वादा किया गया था, लेकिन बीते दो मन से आदिवासी युवक से किसी भी प्रकार का किसी राजनीतिक दल द्वारा खोज खबर नहीं लिए जाने पर नाराज होकर वह बीते दिन चंद्रशेखर आजाद की आजाद पार्टी में सदस्यता ले ली है. हालांकि वह चार पुलिसकर्मी अभी भी उसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
पुलिस कर्मियों के घर में रहने के कारण वह अपने आप को जेल में बंद महसूस करता है. इसलिए उसने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर सीधी को एक पत्र देकर पुलिस हटाए जाने की मांग की थी. कलेक्टर एवं एसपी ने मौखिक आश्वासन देते हुए कहा कि चुनाव संपन्न होने जाने के बाद आपके यहां लगे हुए पुलिसकर्मियों को हटा लिया जाएगा.
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