देश की शान INS विक्रांत पर गर्व से खड़ा है MP का ‘विराट’, जानें रीवा क्यों होता है इससे गौरवान्वित

mp news: देश की जल सीमाओं की हिफाजत करने वाला INS विक्रांत हिंदुस्तान के जल सेना की शान है. इस विक्रांत से मिग 29 उड़कर अपनी ताकत को दुगना करता है. विक्रांत और मिग में लगा एक मोनो आकर्षण का केंद्र होता है. यह मोनो व्हाइट टाइगर विराट का है. आखिर विराट का क्या है […]

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विजय कुमार

09 Aug 2023 (अपडेटेड: 09 Aug 2023, 07:45 AM)

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mp news: देश की जल सीमाओं की हिफाजत करने वाला INS विक्रांत हिंदुस्तान के जल सेना की शान है. इस विक्रांत से मिग 29 उड़कर अपनी ताकत को दुगना करता है. विक्रांत और मिग में लगा एक मोनो आकर्षण का केंद्र होता है. यह मोनो व्हाइट टाइगर विराट का है. आखिर विराट का क्या है एमपी कनेक्शन और ये विरोट आईएनएस विक्रांत पर क्या कर रहा है, आपको बताते हैं विस्तार से.

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INS विक्रांत से मिग 29 और C हैरियर विराट के मोनो के साथ उड़ कर दुश्मन के छक्के छुड़ा देता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा की विक्रांत और मिग 29 में जिस व्हाइट टाइगर का मोनो है, वह व्हाइट टाइगर मोहन का बेटा विराट है. विराट रीवा के गोविंदगढ़ बाघ महल में जन्मा था और 8 अगस्त 1975 को उसकी मौत हुई थी.

आपको बता दें कि तत्कालीन रीवा महाराजा मार्तंड सिंह ने दुनिया का पहला व्हाइट टाइगर मोहन को पकड़ा था. इसे गोविंदगढ़ के बाघ महल में रखा गया. यहीं पर व्हाइट टाइगर की ब्रांडिंग कराई गई. विराट व्हाइट टाइगर मोहन की संतान है. यह बिल्कुल मोहन की तरह दिखता था. इसकी 8 अगस्त 1975 को गोविंदगढ़ में मौत में हुई थी. इसके बाद रीवा से व्हाइट टाइगर खत्म हो गए थे.

क्या है INS विक्रांत

INS विक्रांत देश की जल सीमा की हिफाजत करने वाला समुद्री युद्ध पोत है. देश की लगभग 1400 किलोमीटर की सरहद समुद्री जल सीमा से जुड़ी है. इसी सरहद की हिफाजत INS विक्रांत करता है. उसी पानी के जहाज से उड़ता है व्हाइट टाइगर की छवि लेकर MIG-29 उड़ता है.

कैसे पहुंचा नेवी के पास विराट

व्हाइट टाइगर विराट की मौत के बाद मैसूर में ट्राफी तैयार कराई गई थी. यह ट्राफी रियासत के किले में रखी गई थी. उसी दौरान नेवी के अफसर तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह से मिले और उन्होंने INS विक्रांत से उड़ने वाले मिग 29 और C हैरियर पर व्हाइट टाइगर के मोनो लगाने की सहमति प्राप्त की.

महाराजा मार्तंड सिंह ने विराट की ट्रॉफी को नौसेना के हवाले कर दिया. विराट की ट्रॉफी नेवी के पास उनके म्यूजियम में आज भी सुरक्षित रखी हुई है. तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह ने दुनिया का पहला व्हाइट टाइगर मोहन को पकड़ा था. इसे गोविंदगढ़ के बाघ महल में रखा गया. यहीं पर व्हाइट टाइगर की ब्रांडिंग कराई गई.विराट व्हाइट टाइगर मोहन की संतान है. यह बिल्कुल मोहन की तरह दिखता था. इसकी 8 अगस्त 1975 को गोविंदगढ़ में मौत में हुई थी. इसके बाद रीवा से व्हाइट टाइगर खत्म हो गए थे.

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