राजमाता माधवी राजे सिंधिया हुईं पंचतत्व में विलीन, मुखाग्नि देते वक्त मां को याद कर फूट-फूटकर रोने लगे सिंधिया

Rajmata Late Madhavi Raje Scindia: ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया आखिरकार पंचतत्व में विलीन हो गईं. उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पारिवारिक छत्री में उनको मुखाग्नि दी.

Jyotiraditya Scindia
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सर्वेश पुरोहित

16 May 2024 (अपडेटेड: 16 May 2024, 08:16 PM)

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Late Rajmata Madhavi Raje Scindia: ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया आखिरकार पंचतत्व में विलीन हो गईं. उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पारिवारिक छत्री में उनको मुखाग्नि दी. सुबह से खुद को संभाले सिंधिया मुखाग्नि देते वक्त बेहद भावुक हो गए. जब वे अपनी मां की चिता को अग्नि दे रहे थे, तब उनके अंदर मौजूद भावनाओं का ज्वार उमड़ आया और वे खुद को रोक न सके और फिर वे फूट-फूटकर रोने लगे.

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इससे पहले दिनभर जयविलास पैलेस में स्व. माधवी राजे सिंधिया के पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए रखा गया था. जहां उनके दर्शन के लिए पूरा ग्वालियर शहर उमड़ पड़ा. उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सुबह से ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल मौजूद थे और शाम होते-होते सीएम मोहन यादव भी अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंच गए.

सिंधिया की मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने बीजेपी के साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भी पहुंचे थे. ग्वालियर महापौर शोभा सतीश सिकरवार भी मौके पर पहुंची थीं. जीतू पटवारी सहित कई अन्य कांग्रेसी दिल्ली पहुंचकर ही सिंधिया से मिलने पहुंच गए थे और अपनी श्रद्धांजलि व्यक्ति की थी.

राजमाता माधवी राजे सिंधिया को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरा सिंधिया परिवार भी मौजूद था. इनमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसंधुरा राजे सिंधिया, शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं यशोधरा राजे सिंधिया सहित परिवार के सभी सदस्यगण मौजूद थे. महिलाओं की अगवानी दिनभर ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने की.

लंबे समय से बीमार थीं स्व. माधवी राजे, एम्स में चल रहा था इलाज

स्व. माधवी राजे सिंधिया लंबे समय से बीमार चल रही थीं. दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था. वे लंबे वक्त से वेंटिलेटर पर थीं. कल दिल्ली के एम्स में निधन के बाद आज हवाई जहाज़ से उनके पार्थिव शरीर को ग्वालियर लाया गया. इसके बाद पूरे संभाग, प्रदेश एवं देश से आई हुई आम जनता और साथ ही अनेक राज परिवारों के सदस्यों ने जय विलास पैलेस के रानी महल में राजमाता को श्रद्धांजलि अर्पित की.

बता दें कि सुबह से ही लोग अंतिम दर्शन के लिए आए थे और 11:45 से देर शाम तक हजारों की संख्या में लोगों ने राजमाता के दर्शन कर उनको अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त कीं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटे महानआर्यमन सिंधिया संग सिंधिया परिवार के अनेक सदस्य जैसे ज्योतिरादित्य की बहन चित्रांगना सिंह, बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया सहित सिंधिया परिवार और मराठा समाज के अनेक सदस्य दिनभर मौजूद रहे.

अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बड़ोदा के राज परिवार के कई सदस्य भी ग्वालियर पहुंचे थे और पूरे भारत के अनेक राज परिवारों के सदस्यों ने ग्वालियर आकार राजमाता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. अंतिम दर्शन के पश्चात राजमाता के पार्थिव शरीर को पालकी में जय विलास पैलेस से शहर में स्थित सिंधिया छतरी पर ले जाया गया. छतरी पर ज्योतिरादित्य ने पूरे विधि-विधान से अपनी मां का अंतिम संस्कार किया.

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