Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलने की आस लेकर चली शिवरंजनी तिवारी छतरपुर पहुंची तो उनके साथ कई प्रकार के विवादों का नाता भी जुड़ गया. जिसमें सबसे बड़ा उनके पिता के तेल का था. तेल वाले विवाद के सामने आते ही शिवरंजनी की कलश यात्रा और धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ बताने वाली बात पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उनकी कलशयात्रा को बदले की भावना बताया जा रहा है.
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जब पिता के तेल से जुड़ा विवाद सामने आया तो ये बात सामने आने लगी कि ये कोई शादी के लिए कलश यात्रा नहीं निकाली गई थी, बल्कि पिता के साथ हुई घटना का बदला लेने के उद्देश्य से कलश यात्रा निकाली गई थी. मीडिया से बात करते करते खुद शिवरंजनी एवं उनके पिता बागेश्वर धाम की खूब बुराइयां करने लगे
ये है पूरा मामला
दरअसल यात्रा के साथ चलने वाली शिवरंजनी की गाड़ी में मार्कण्डेय तेल का पोस्टर लगा था. जिसके कारण मीडिया को शक हुआ कि इस यात्रा से तेल का क्या वास्ता है. तभी से मीडियाकर्मियों ने इस बात की पड़ताल करना शुरू की. सामने आया कि कि शिवरंजनी तिवारी के पिता बैजनाथ तिवारी और भाई तेल की ब्रांडिंग करने के लिए नवंबर के महीने में बागेश्वर धाम आए हुए थे. तेल ब्रांडिंग के चक्कर में उनका धीरेंद्र शास्त्री के सेवादारों से विवाद हो गया.
ब्रांडिंग को लेकर हुआ था पिता का विवाद
शिवरंजनी के पिता बैजनाथ तिवारी ने अपने तेल को बेंचना शुरू किया और 100 रुपये बाटल के हिसाब से कई लोगों को दिए. जिसमें उन्हें करीब 35 हजार रुपये मिले तो पिता ने सोचा क्यों न बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से बात करके तेल ब्रांडिंग का प्लान किया जाए. इसके बाद वह सेवादारों के माध्यम से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिले और अपने दिल की बात बताई. साथ यह बताया कि आपके धाम से हमारा तेल पर्याप्त लोगों ने खरीदा है, जिससे मुझे करीब ₹35000 मिले हैं और मैं इस राशि में से कुछ धाम को देना चाहता हूं. लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पैसे लेने से इनकार कर दिया. उसी समय शिवरंजनी तिवारी के पिता बैजनाथ तिवारी का विवाद बागेश्वर धाम के सेवादारों से हो गया.
शिवरंजनी ने बताई सच्चाई
शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि “हमने अपने तेल का वितरण एकमात्र बागेश्वर धाम में नहीं किया है, बल्कि इसके पहले करौली शंकर धाम पंडोखर सरकार में भी किया है. लेकिन बागेश्वर धाम के सेवादार जो भी काम करते हैं उसके बारे में धीरेंद्र शास्त्री महाराज को पता नहीं रहता है. इसकी गारंटी मैं खुद लेती हूं. बागेश्वर धाम के महाराज ने खुद यह बात बताई है कि मैं अपने सेवादारों से परेशान हूं. हमारे साथ नवंबर माह में वहां पर जो कुछ भी हुआ वह कोई नहीं जानता. हां यह जरूर है कि जो हुआ गलत हुआ था. जिसको में मीडिया में बिल्कुल नही बताऊंगी.” शिवरंजनी तिवारी ने कहा कि हमारे बालाजी सच हैं, धीरेंद्र शास्त्री सच हैं. उन्होंने कहा कि मैं सच बोल रही हूं, अगर ये झूठ होगा तो धीरेंद्र शास्त्री जी स्वयं भगवान हैं, अंतर्यामी हैं पता चल जाएगा.
अब शिवरंजनी की इस यात्रा के पीछे बदले की भावना दिखाई दे रही है. या फिर मारकंडेय तेल को बागेश्वर धाम के माध्यम से चमकाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि मुझे अगर बदला लेना होता तो जो कुछ भी वहां हुआ वो सच्चाई मैं मीडिया के सामने बता देती.
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