शिमला-मनाली नहीं, गर्मियों में MP के इस एकमात्र हिल स्टेशन पर मनाइए छुट्टियां, गारंटी है यादगार होगी ट्रिप

Summer Vacation in Hill Station Pachmarhi: गर्मी की तपन बढ़ रही है और सुकून पाने के लिए लोग छुटटियों की प्लानिंग में जुट गए हैं. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग हिल स्टेशन जाने की तैयारी बना रहे हैं तो हम आपको एमपी के इकलौते हिल स्टेशन पर जाने की सलाह देंगे, जहां की खूबसूरती देख निहाल हो जाएंगे, गर्मी से राहत मिलेगी सो अलग...

मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी
मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी

एमपी तक

15 May 2024 (अपडेटेड: 17 May 2024, 07:53 PM)

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Summer Vacation in Hill Station Pachmarhi: गर्मी की तपन बढ़ रही है और सुकून पाने के लिए लोग छुटटियों की प्लानिंग में जुट गए हैं. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग हिल स्टेशन जाने की तैयारी बना रहे हैं. परिवार या दोस्तों के साथ ज्यादातर लोग कुल्लू-मनाली या शिमला जाना पसंद करते हैं. लेकिन इस साल गर्मियों की छुट्टी में आप ये इन सभी हिल स्टेशन के बजाए MP के एकमात्र हिल स्टेशन पर जाएं. यहां जाकर आप दूसरे हिल स्टेशन भूल जाएंगे, आपकी यात्रा भी यादगार बन जाएगी. 

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मध्य प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी प्रकृति के खूबसूरत नजारों से भरी एक ऐसी जगह, जिसे आप निहारते रह जाएंगे. पचमढ़ी दो शब्द पंच यानी पांच और मढ़ी यानी गुफा से मिलकर बना हैं. ऐसी मान्यता हैं कि यहां जो पांच गुफाएं मौजूद हैं. उन्हें पांडवो ने महाभारत काल में अपने वनवास के दौरान बनाया था. यह गुफाएं एक ऊंचे और विशाल पर्वत के शिखर पर मौजूद हैं. इन्हें पांडव गुफा भी कहा जाता है. होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से जुड़ी पर्वत श्रंखलाओं में स्थित है पचमढ़ी, खूबसूरती ऐसी कि बस निहारते रह जाएंगे.

MP की पूर्व राजधानी, जानिए पूरा इतिहास

पहले के समय में पचमढ़ी पर गोंड जनजाति का राज था. ब्रिटिश काल से पहले यह इसी गोंड जनजाति की राजधानी थी. 1857 में अंग्रेजों ने आधिकारिक रूप से पचमढ़ी पर कब्ज़ा कर लिया था. इस शानदार हिल स्टेशन का परिचय पश्चिमी दुनिया से 1887 से ब्रिटिश सैनिक कैप्टन जेम्स फोर्स्थ ने कराया था. रोचक ये है कि अंग्रेजो ने भी पचमढ़ी को ही मध्य प्रदेश की राजधानी बनाया था. 

आजादी के बाद 1967 तक पचमढ़ी मध्य प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. यहां अन्य मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री का बंगला भी मौजूद है. इसके साथ यहां राजभवन है, जहां राज्यपाल अक्सर समय व्यतीत करते हैं. आज के समय में यहां कई राजनैतिक दल अपनी मीटिंग भी करते हैं. 

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खूबसूरत वादियां देख हो जाएंगे खुश

पचमढ़ी क्यों है ख़ास?

पचमढ़ी को पचमढ़ी कैंट के नाम से भी जाना जाता है. इसे सतपुड़ा की रानी भी कहते हैं. यह हिल स्टेशन होशंगाबाद जिले में स्थित 1100 मीटर की उंचाई पर बसा है. यह चर्चित पर्यटन स्थल मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा पर्यटन स्थल है. यह सुंदर जगह सतपुड़ा की सुंदर पहाड़ियों से घिरी हुई हैं. खूबसूरत वॉटरफाल्स हो कलकल बहती नदियां हो या खूबसूरत घाटियां यहां सब मौजूद हैं.

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यहां कर सकते हैं यह तमाम एडवेंचर

  •  साइकिलिंग
  •  ट्रैकिंग
  •  ज़िपलाईनिंग
  •  मोटर पैरासेलिंग
वाटरफॉल देख भूल जाएंगे कहीं और जाना

पचमढ़ी जाने से पहले इन जगहों के बारे में जान लें 

सतपुड़ा नेशनल पार्क 

यह कई जानवरों का घर हैं और आप यहाँ जंगल सफारी के दौरान जॉइंट ब्लैक स्क्विरल के साथ चीते, बाइसन आदि देख सकते हैं. 

बी-फॉल्स

पचमढ़ी के कई झरनों के बीच यह झरना सबसे खूबसूरत और प्रसिद्ध हैं. इस झरने से साल भर पानी गिरता है, और यह इसकी सबसे बड़ी विशेषता है. यह झरना पचमढ़ी से 3 KM दूर 150 फीट ऊंचा हैं.

 धूपगढ़

यह सतपुरा का सबसे ऊंचा स्पॉट हैं. जहां आप फिल्मों से प्रेरित सनसेट का लुत्फ़ उठाने की 'बकेट लिस्ट' पूरी कर सकते हैं. इसके अलावा यहां जाए तो पांडव गुफा, पंचमढ़ी लेक, महादेव मंदिर, चारुगढ़ ज़रूर घूमें. 

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पचमढ़ी कैसे पहुंचें?

पचमढ़ी भोपाल और इंदौर से जुड़ा हुआ हैं. आप भोपाल के हबीबगंज बस टर्मिनल से बस ले सकते हैं, जो आपको 5 से 6 घंटों में पचमढ़ी पहुंचा देगी. रेलवे से यात्रा के लिए यहां का निकटतम रेलव स्टेशन पिपरिया हैं. जो यहां से 50 KM दूर है. हवाई यात्रा के लिए भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट यहां से सबसे नजदीक हैं. 

प्रमुख शहरों से यहां पहुचने की दूरी

नागपुर से - 259.3 किलोमीटर (5 घंटे 48 मिनट) 
भोपाल से - 210 किलोमीटर ( 4 घंटे 36 मिनट) 
दिल्ली से - 901.5 किलोमीटर (16 घंटे 43 मिनट) 
मुंबई से - 1,020 किलोमीटर( 16 घंटे 39 मिनट)

इनपुट- एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी.

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