Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले का सुंदरजा आम अब देश के अलावा विदेशों में भी लोगों को अपना दीवाना बना रहा है. सुंदरजा आम की मिठास और खास खुशबू के कारण ही इसे मई में जीआई टैग मिल चुका है. इस आम की देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जमकर डिमांड है. इस आम की खास बात है इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं. इस आम की मिठास का कोई तोड़ नहीं है यही वजह है कि लोग इसे खाने के लिए बेताब रहते हैं.
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दुनिया में रीवा व्हाइट टाइगर के साथ ही फलों के राजा आम के लिए भी विख्यात है. यहां आम की प्रजाति सुंदरजा की देश विदेश में खासी मांग है. सुंदरजा कई खूबियों से भरा हुआ है. इस आम की खासियत ये है कि यह बिना रेशों वाला होता है, यह आम शुगर-फ्री होने के साथ ही लबे समय तक रखा जा सकता है. सुंदरजा आम का डाक टिकट भी जारी हो चुका है. इसके अलावा दिल्ली में आयोजित मेले में पुरस्कृत हो चुका है.
गोविंदगढ़ इलाके से बाहर भी हो रहा आम का उत्पादन
पहले सुंदरजा आम केवल गोविंदगढ़ किले के बगीचों में होता था, लेकिन अब गोविंदगढ़ इलाके के साथ ही रीवा के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में भी बहुतायत मात्रा में इसकी खेती की जाती है. हालांकि गोविंदगढ़ के बागों में होने वाला सुंदरजा आम हल्का सफेद रंग लिए होता है, जबकि रीवा के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में हल्का हरा होता है.
दुनिया में अलग पहचान बना रहा सुंदरजा आम
दुनिया में रीवा व्हाइट टाइगर के साथ ही फलों के राजा आम के लिए भी विख्यात है. यहां आम की प्रजाति सुंदरजा की देश विदेश में खासी मांग है. सुंदरजा कई खूबियों से भरा हुआ है. यह आम शुगरफ्री होने के साथ ही लबे समय तक रखा जा सकता है. सुंदरजा आम का डाक टिकट भी जारी हो चुका है. इसके अलावा दिल्ली में आयोजित मेले में पुरस्कृत हो चुका है.
लंबे प्रयास के बाद सुंदरजा को मिला जीआई टैग
रीवा जिले में गोविंदगढ़ और उसके आसपास प्रमुख रूप से पैदा होने वाली सुंदरजा आम की किस्म को जीआई टैगिंग प्रदान की गई है. इसके लिए पिछले 2 वर्षों से लगातार प्रयास किए जा रहे थे. अब सुंदरजा आम विंध्य की पहचान बनकर पूरी दुनिया में जाना जा रहा है. सुंदरजा आम को रीवा जिले की एक जिला एक उत्पाद योजना में भी शामिल किया गया है. इस आम के लिए सीजन शुरू होने से पहले प्री-आर्डर बुक किये जाते हैं.
रजवाड़ो की पहली पसंद हुआ करता है सुंदरजा
सुंदरजा की विशिष्ट पहचान को जीआई टैग मिलने पर आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है. रीवा रियासत के महाराज रघुराज सिंह ने गोविंदगढ़ में सुंदरजा का बगीचा लगाया था. इस आम को पहले पूरे विंध्य इलाके में खासा पसंद किया जाता रहा है. समय के साथ आज इस आम की देश विदेशों तक में डिमांड है.
सुंदरजा आम की खासियतें
इस आम की खुशबू इतनी जबरदस्त है कि आप आंख बंद करके भी इसकी खुशबू से इसे पहचान सकते हैं. इस आम में खूबी है कि खाने के बाद भी खुशबू बनी रहती है. साथ ही इसे कई दिनों तक रखा जा सकता है. इसका आम का वजन 250 ग्राम से लेकर 500 ग्राम से अधिक का होता है. देश के साथ ही सुन्दरजा कि मांग विदेशों में बहुतायत मात्रा में है. जीआई टैग पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. इस आम का डीएनए फिंगर प्रिंट भी लिए गए है.
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