Digvijay Singh: राजगढ़ लोकसभा सीट पर पूरे देश की निगाह है. दिग्विजय सिंह ने ऐलान कर दिया है कि ये चुनाव उनके जीवन का आखिरी चुनाव है और इसके बाद वे अब कोई अन्य चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि अब उनकी उम्र 77 वर्ष हो गई है और इस चुनाव के बाद अब उनकी हालत किसी अन्य चुनाव को लड़ने की नहीं रहेगी. दिग्विजय सिंह का यही संदेश वीडियो, ऑडियो के जरिए पूरे राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में प्रसारित किया जा रहा है.
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दिग्विजय सिंह के लिये जनसंपर्क कर रहे एक नेता जी का वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो में नेता जी कह रहे हैं कि "कांग्रेस को विजयी बनाओ ,राजा साहब का ये अंतिम चुनाव है" मोदी की गारंटी और चाइना की गारंटी के समान है. दिग्विजय सिंह के लिए प्रचार में जुटे नेता कार्यकर्ता भी उनकी उम्र का हवाला देते हुए अंतिम चुनाव का इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं.
दिग्विजय सिंह के पुत्र व कांग्रेसी विधायक जयवर्द्धन सिंह ने बताया कि इसी लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह ने सांसद का पहला चुनाव लड़ा था और जीत हांसिल की थी. इसी राजगढ़ लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह अपने राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव लड़ रहे हैं. दिग्विजय सिंह अब 77 साल के हो चुके हैं. इसके बाद वे अब कोई अन्य चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्हें उम्मीद है कि जनता दिग्विजय सिंह को उनके जीवन के आखिरी चुनाव में भी विजयी बनाकर शानदार विदाई देगी. उनका मुकाबला बीजेपी के रोडमल नागर से है जो पिछले 10 साल से यहां सांसद हैं.
राजगढ़ लोकसभा सीट पर अब तक कैसा गुजरा है चुनाव प्रचार
शुरूआत में दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे. अनिच्छा के भाव के साथ वे राजगढ़ आए और जनता के बीच ही इस बात का इजहार तक कर डाला. दिग्विजय सिंह के ऐसे बयानों के बाद बीजेपी को लगा कि यहां चुनाव जीतना आसान है लेकिन जैसे ही दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पद यात्रा शुरू की, वैसे ही राजगढ़ का ग्राउंड एक कांटे के मुकाबले के लिए तैयार हो गया. आग में घी का काम किया मौजूदा बीजेपी सांसद रोडमल नागर के प्रति लोगों की नाराजगी ने.
यही वजह है कि सीएम मोहन यादव की जनसभा के दौरान मौजूदा बीजेपी सांसद रोडमल नागर मंच से ही लोगों से माफी मांगते भी नजर आए. ग्राउंड पर ऐसे हालात की रिपोर्ट सीधे बीजेपी आलाकमान तक पहुंची और निर्णय लिया गया कि खुद अमित शाह राजगढ़ में चुनावी मौर्चा संभालेंगे, जिसके बाद अमित शाह ने राजगढ़ में बड़ी जनसभा की और बयान दे दिया कि दिग्विजय सिंह का जनाजा ऐसे निकाला जाए, जैसे आशिक का जनाजा निकाला जाता है.
अमित शाह के इस गरमा गरम बयान के बाद दिग्विजय सिंह ने भी उनको झूठा बताते हुए ट्वीट पर ट्वीट कर डाले. बीजेपी यही चाहती थी कि सारा चुनाव का फोकस रोडमल नागर से हटकर दिग्विजय सिंह वर्सेज अमित शाह हो जाए. यही हुआ भी. अब राजगढ़ के ग्राउंड पर बीजेपी भी दिग्विजय सिंह को टक्कर देती नजर आ रही है तो वहीं दिग्विजय सिंह ने भी अपने गृह क्षेत्र में आखिरी चुनाव का इमोशनल कार्ड खेलकर जनता को अपनी तरफ खींचने की भरसक कोशिश की है. अब देखना होगा कि 7 मई को राजगढ़ की जनता किस नेता पर भरोसा कर वोट करती है.
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