MP Election 2023: चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को चुनाव खर्च की अधिकतम राशि चालीस लाख रुपए रखी थी. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) में कई धनाढ्य उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा, वहीं इनमें एक उम्मीदवार ऐसा भी था, जिसे चुनाव प्रचार के लिए भी कर्ज लेना पड़ा. उधार लेकर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार हैं, रतलाम जिले की सैलाना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार, जिन्होंने भाजपा और कांग्रेस को चुनौती दी. अब इस उधारी के पैसे को चुकाने के लिए उन्होंने समाज से मदद की अपील की है और इसके लिए नोतरा का आयोजन किया.
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उधार चुकाने के करना पड़ रहा है ये सब
आदिवासी नेता कमलेश्वर के चुनावी खर्च की उधारी चुकता करने के लिए अब आदिवासी समाज ने अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए रविवार को सरवन और रावटी में नोतरा कार्यक्रम आयोजित किया. उम्मीदवार के वृद्ध पिता के साथ बैठे समाज के लोगों ने नोतरा आयोजन में पहुंच कर परंपरा अनुसार पहले एक-दूसरे को गुलाल लगाया, फिर जय जोहार बोलकर रखी पीतल की परात में अपनी हैसियत के मुताबिक राशि रख कर आर्थिक मदद की. परंपरा अनुसार कुछ वोट देने के बाद निस्वार्थ भाव से अब उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार को आर्थिक मदद करने के लिए नोतरा जैसे कार्यक्रम में शरीक हो कर सामने आए हैं.
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चुनाव प्रचार के लिए उधार लिया पैसा
कमलेश्वर डोडियार आदिवासी विधानसभा क्षेत्र सैलाना से आदिवासी संगठन जयस के समर्थन से चुनाव मैदान में उतरे थे. उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के मुकाबले में प्रचार-प्रसार कर सकें, लेकिन जयस आदिवासी संगठन के इस प्रत्याशी ने अपना चुनाव प्रचार उधारी के रुपयों से किया. प्रचार के लिए पोस्टर, बैनर, पैंपलेट, प्रचार वाहन सब कुछ उधार किया. अब चुनाव प्रचार के बाद मतदान हो गया, उधार चुकता करने के लिए कमलेश्वर डोडियार ने अपने समाज की परंपरा के मुताबिक नोतरा कार्यक्रम रखा.
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क्या है नोतरा परंपरा?
आदिवासी समाज के गरीब लोगो की मदद के लिए समाज के लोगों द्वारा आर्थिक सहायता करना ही नोतरा होता है. आदिवासी समाज में यह परंपरा प्राचीन है. समाज का कोई भी व्यक्ति समाज के लोगों से मदद मांगने के लिए नोतरा का आयोजन कर सकता है. समाज के लोग अपनी हैसियत अनुसार मदद करने लिए इस आयोजन में शिरकत करते है. सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक नोतरा का आयोजन विधानसभा क्षेत्र सैलाना के दो कस्बों सरवन और रावटी में हुआ.
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