Cheetah Project MP: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की लगातार हो रही मौत के बीच केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में Kuno National Park (KNP) से चीतों को शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है.
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पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा- ‘सरकार कूनो चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Rehabilitation Project) की संवेदनशीलता को स्वीकार करती है और चाहती है कि यह पूरी तरह सफल हो. विशेष रूप से, इस साल मार्च से कूनो में तीन शावकों सहित नौ चीतों की मौत हो चुकी है. बता दें कि भूपेंद्र यादव चीतों की मौत के बाद खुद कूनो का दौरा कर चुके हैं और विशेषज्ञों से लगातार संपर्क में रहते हैं.
कूनो से चीतों की शिफ्टिंग पर एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा, “इसके लिए कोई योजना नहीं चल रही है. स्वाभाविक रूप से, मानसून के कारण कीड़ों के कारण होने वाला संक्रमण भी हमारे संज्ञान में आया है. हमने दो चीतों को खो दिया है.” संक्रमण को लेकर हमने दक्षिण अफ्रीका नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ भी जानकारी साझा की है और हम इसके प्रबंधन पर आगे बढ़ रहे हैं.” उन्होंने कहा, सभी वन अधिकारी और डॉक्टरों की टीम बहुत मेहनत कर रहे हैं.
कूनो में चीतों को बसाने के बाद पहला साल है, टीम पूरी गंभीरता से लगी है: केंद्रीय मंत्री
यादव ने कहा कि चीतों को शिफ्टिंग किए जाने के बाद यह पहला साल है, उन्होंने कहा कि यहां की मौसम की स्थिति और इसके प्रभावों के संबंध में लगातार काम चल रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं बड़े विश्वास के साथ कह रहा हूं कि हम इस परियोजना में गंभीरता से लगे हुए हैं. हमें प्रत्येक चीते की पूरी चिंता है. सरकार चाहेगी कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह सफल हो. यह एक लंबी परियोजना है जिसमें हर साल चीतों को आना है.” हम इसकी संवेदनशीलता को स्वीकार करते हैं. हम इस परियोजना को सफल बनाएंगे.”
कूनो में अब बचे हैं 15 चीते
बता दें कि 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था, जबकि अन्य 12 चीतों को इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था. मार्च में यहां पैदा हुए चार शावकों में से तीन सहित 9 चीतों की मौत हो गई है, जिससे केएनपी में वर्तमान में एक शावक सहित 15 चीते बचे हैं. चीते की ताज़ा मौत 2 अगस्त को हुई है.
1952 में देश से इस प्रजाति को विलुप्त घोषित किए जाने के बाद एक चीतों को फिर से बसाने के प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था.
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इनपुट- एजेंसियां
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