Ajit Doval: देशी 'जेम्स बाड' अजीत डोभाल पर PM मोदी ने फिर जताया भरोसा, तीसरे बार बने NSA, सामने आईं अनदेखी तस्वीरें

Ajit Doval Story: नरेंद्र मोदी सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्ति की है. वह लगातार तीसरी बार देश के सुरक्षा सलाहकार बनाए गए हैं.

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एमपी तक

14 Jun 2024 (अपडेटेड: 15 Jun 2024, 12:04 PM)

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Ajit Doval Story: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने अजीत डोभाल को फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में तीसरी बार उनकी नियुक्ति की गई है. यह लगातार तीसरी बार है, जब उन्हें देश का सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है. उत्तराखंड से आने वाले अजीत डोभाल की स्टोरी काफी दिलचस्प है. MP तक यहां आपको दिखाने जा रहा है, उनकी अनदेखी तस्वीरें, जिसमें वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ भी नजर आ रहे हैं. 

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बता दें कि 1968 में आईपीएस बने अजीत डोभाल ने केरल कैडर चुना था. डोभाल मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे. पढ़िए मंजीत नेगी की खास रिपोर्ट और दुर्लभ तस्वीरें...  

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में लगातार तीसरे बार चुने गए है.

पौड़ी-गढ़वाल के एक गांव में जन्मे डोभाल भारत के जेम्स बांड

अजीत डोभाल का जन्म 1945 में तत्कालीन संयुक्त प्रांत (अब उत्तराखंड में) के पौड़ी गढ़वाल के घिरी बनेलस्यूं गांव में हुआ था. डोभाल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने कामों की वजह से चर्चा में रहते हैं. भारत के 'जेम्स बॉन्ड' के नाम से दुनिया में उनका शुमार है. डोभाल के पिता मेजर जीएन डोभाल भारतीय सेना में अधिकारी थे. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई राजस्थान के अजमेर स्थित अजमेर मिलिट्री स्कूल में की है. 

1968 में, अजीत डोभाल को केरल कैडर से आईपीएस में चुना गया था

इस घटना के बाद चर्चा में आए थे डोभाल

अजीत डोभाल एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों के साथ बराबर काम किया है. उनका नाम दुनिया ने तब जाना, जब उन्होंने मिजो एकॉर्ड के बाद पता चला, जहां उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.

डोभाल अपने कार्यों से चर्चा में रहते हैं और भारत के 'जेम्स बॉन्ड' के नाम से दुनिया में उनका नाम शुमार है.

अजीत डोभाल को उनके स्वर्णित ऑपरेशनों के लिए जाना जाता है...

अजीत डोभाल ने भारत के स्वर्णिम ऑपरेशनों में ज़रूरी भूमिका निभाई है. जब सिक्किम को राज्य का दर्जा दिया गया था, या ऑपरेशन ब्लैक थंडर सबमें एक नाम जरूर मिलेगा- अजीत डोभाल.

अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल बीजेपी नेता हैं.

कई खतरनाक ऑपरेशन, सफलता पूर्वक किए

उन्होंने 2014 से 2019 तक कई इम्पोर्टेंट ऑपरेशन किए. उनका सबसे पहला अहम ऑपरेशन वह था, जिसमें इराक में फंसी नर्सों को वापस लाया गया था. उन्होंने इंडिपेंडेंट फॉरेन पॉलिसी को लेकर भारत सरकार को एक रास्ता दिखाया और विश्वपटल पर भारत की छवि को सुधारने के साथ अच्छा किया.

उन्होंने 2014 से 2019 तक कई इम्पोर्टेंट ऑपरेशन किए. उनका सबसे पहला अहम ऑपरेशन वह था जिसमें इराक में फंसीं नर्सों को वापस लाया गय

इन ऑपरेशंस से मिली पहचान

डोभाल ने बैक स्टेज में एक शास्क्त किरदार निभाया. उरी की सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले के बाद बालाकोट और साइबर टेरर सबका डोभाल ने सामना करने में ऐसी सटीक प्लानिंग की, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी को भनक भी नहीं लगी.

भारत के जेम्स बॉन्ड

डोभाल का डिप्लोमेसी में कोई सानी नहीं

डिप्लोमेसी के साथ- साथ भारत के लिए सही कदम लेना का इतिहास रखते है अजीत. भारत का अरब देशों से अच्छा रिश्ता भी इन्ही की वजह से है. उन्होंने 1972 में शादी की और उनके दो बेटे है.

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