महू कांड को लेकर विधानसभा में दूसरे दिन भी हंगामा, सदन में रोने लगीं विजयलक्ष्मी साधौ; कार्यवाही स्थगित

MP Budget Session 2023: विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है, लेकिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस विधायकों ने महू के मामले में हंगामा शुरू कर दिया, हंगामा इतना बढ़ा कि पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर राेने लगीं और इसके बाद कांग्रेस […]

Uproar in the MP Vidhansabha on the second day regarding Mhow scandal proceedings adjourned Home Minister replied
Uproar in the MP Vidhansabha on the second day regarding Mhow scandal proceedings adjourned Home Minister replied

इज़हार हसन खान

17 Mar 2023 (अपडेटेड: 17 Mar 2023, 08:00 AM)

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MP Budget Session 2023: विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है, लेकिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस विधायकों ने महू के मामले में हंगामा शुरू कर दिया, हंगामा इतना बढ़ा कि पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर राेने लगीं और इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाॅकआउट कर दिया. प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक विजय राघवेंद्र सिंह के सवाल करने से पहले ही विधायक बाला बच्चन ने महू कांड का मामला उठा दिया.

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मृत युवती और युवक के परिजनों पर मामला दर्ज करने के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन में हंगामा तेज हुआ तो संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन और सज्जन सिंह वर्मा के द्वारा उठाए गए महू कांड पर जवाब देते हुए कहा- पीएम रिपोर्ट के अनुसार युवती की मौत करंट लगने से हुई है. जहां तक युवती और मृतक के परिजनों पर मामला दर्ज होने की बात है तो सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह देखा गया कि थाने पर जो हमला हुआ और पुलिस अधिकारी कर्मचारी घायल हुए, उसके आधार पर 13 या 17 लोगों पर केस दर्ज किया है. उसके पिता पर भी मामला दर्ज हुआ है. हालांकि, जांच में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा.

नरोत्तम मिश्रा बोले- अंदर तय हुआ था था कि मेरे वक्तव्य सदन चलने दिया जायेगा. पर आज ये बाधित कर रहे हैं. अध्यक्ष जी हमारे मंत्री प्रश्नकाल की तैयारी करके आए थे वो रातभर नहीं सोए, उनकी आंखे लाल हैं. अध्यक्ष बोले, मिश्रा जी आंखें लाल दो तरह से होती हैं, एक नहीं सोने से और दूसरी गुस्से से.

नरोत्तम मिश्रा देते रहे सफाई, सज्जन वर्मा ने कहा- एफआईआर अन्याय
प्रश्नकाल से पहले ही कांग्रेस ने हंगामा कर दिया. सज्जन वर्मा ने कहा कि पीड़ितों पर ही एफआईआर कर दी गई, ये अन्याय है. नरोत्तम मिश्रा बोले- पीएम रिपोर्ट में करंट से मौत होना पाया गया है. रही बात परिजनों पर एफआईआर की है तो वो सीसीटीवी फुटेज पर की गई है. किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. जहां तक भूरिया जी कह रहे हैं कि हत्या हुई है तो वह हमारा मार्गदर्शन कर दें कि हत्या कैसे हुई है.

हंगामेदार रहा प्रश्नकाल, दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से हंगामा
हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई. महू आदिवासी गोली कांड पर हंगामा के बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्ष के सदस्यों के साथ सदन में चर्चा की, 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष से चर्चा की नरोत्तम मिश्रा ने 10 मिनट की जगह 1 घंटा कर दी गई है.

प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद  विधानसभा की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई. साधौ ने फिर शुरू किया हंगामा.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले, कांग्रेस लाशों पर राजनीति करना चाहती है. ये ढोंग कर रहे हैं, अध्यक्ष जी आप कार्यवाही आगे बढ़ाइए. सज्जन वर्मा बोले, न्याय के लिए भीख मांगनी पड़ रही है. मंत्री भूपेंद्र सिंह, कांग्रेस सदन नहीं चलाना चाहती. अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही आगे शुरू की. अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू की गई.

अध्यक्ष ने कहा, मैं सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं, संक्षेप में और कम बोलें. आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर विजयलक्ष्मी साधौ सदन में रोई. संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले, अध्यक्ष जी ये लोग विधानसभा की कार्यवाही बाधित करते हैं, ध्यान आकर्षण और प्रश्नकाल नहीं होने देते हैं इन्हें ठीक करिए अध्यक्ष जी. विजयलक्ष्मी साधौ और  सज्जन वर्मा ने कहा- ये भगोड़ी सरकार है.

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला आज
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज फैसला होगा. विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से 3 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना विधानसभा के प्रमुख सचिव को दी गई थी. विधानसभा के अफसरों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय सदन में होता है, जिसे कार्यसूची में शामिल करने का निर्णय अध्यक्ष को 14 दिन में लेना होता है.

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