MP POLITICAL NEWS: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जिस महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना को लांच किया था, अब उसकी सफलता देख सिंधिया समर्थक एक मंत्री ने उस पर अपना दावा जताना शुरू कर दिया है. सिंधिया समर्थक एवं मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने योजना के पंजीयन शिविर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लाड़ली बहना योजना को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके ही सुझाव के बाद लागू किया है. पंचायत मंत्री ने कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले इस योजना के संबंध में सीएम शिवराज सिंह चौहान को सुझाव दिया था. जबकि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने योजना को लेकर इससे अलग बयान जनसभाओं में दिया है. अब ऐसे में कौन सही बोल रहा है और कौन गलत? इसे लेकर राजनीतिक हलको में चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
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पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने जनसभा में महिलाओं को बोला कि उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान से कहा कि आप सहरिया महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपए की आर्थिक मदद देते हैं. बेहतर होगा कि हर जाति की महिला को यह 1 हजार रुपए की मदद मिले. सीएम शिवराज सिंह इस सुझाव से सहमत हुए और उसके बाद ही वे लाड़ली बहना योजना को लेकर आए हैं.
सिंधिया समर्थक मंत्री को योजना का श्रेय खुद लेता देख कई भाजपाई नेता भी हैरान हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में राजनीतिक हलकों में लाड़ली बहना योजना को सीएम शिवराज सिंह चौहान का मास्टर स्ट्रोक तक बताया जाना शुरू हो गया था और ऐसे में सिंधिया समर्थक एक मंत्री द्वारा योजना पर अपना दावा जता देने से पार्टी के अंदर भी कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
जबकि सीएम शिवराज ने अपनी पत्नी से सुझाव लेने की बात कही थी
योजना को 5 मार्च को लांच किया गया था. योजना की लांचिंग पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ‘एक दिन वे प्रात: 4 बजे उठे और अपनी पत्नी साधना सिंह को सोते से उठाया और कहा कि उनके दिमाग में महिलाओं के लिए एक योजना है. उन्होंने लाड़ली बहना योजना का पूरा खाका सबसे पहले अपनी पत्नी साधना सिंह को सुनाया और उनसे सुझाव लिए. जिसके बाद ही उन्होंने इस योजना को बनाने का निर्णय लिया’. लेकिन सिंधिया समर्थक पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसाेदिया महिलाओं की सभा में बोल रहे हैं कि सीएम ने उनसे सुझाव लेकर यह योजना लांच की. ऐसे में योजना पर श्रेय लेने की होड़ में पंचायत मंत्री अपने सीएम के सामने ही खड़े नजर आ रहे हैं. अब इस मामले में बीजेपी के अंदर और विपक्षी कांग्रेसी नेताओं को राजनीति करने का मौका मिल गया है.
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