MP: स्कूल ने खास दुकान से यूनिफॉर्म-किताबें खरीदने के लिए दवाब बनाया तो मोहन सरकार लेगी ये बड़ा एक्शन

छात्रों को किसी खास दुकान से कोर्स की किताबें, यूनिफार्म और अन्य शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए दवाब बनाना स्कूलों को भारी पड़ सकता है.

सीएम मोहन यादव
सीएम मोहन यादव

एमपी तक

02 Apr 2024 (अपडेटेड: 02 Apr 2024, 10:13 AM)

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल की मनमानी अब नहीं चलेगी. छात्रों को किसी खास दुकान से कोर्स की किताबें, यूनिफार्म और अन्य शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए दवाब बनाना स्कूलों को भारी पड़ सकता है. दरअसल, सीएम मोहन यादव ने इसे लेकर निर्देश दिए हैं. अगर स्कूलों द्वारा दवाब बनाया गया तो 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है. 

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कई स्कूल छात्रों को निर्धारित दुकानों से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य करते हैं. ये मामला जब सीएम मोहन यादव की जानकारी में आया तो उन्होंने सख्त निर्देश जारी किए हैं.

2 लाख रुपये तक का जुर्माना

सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ निजी स्कूलों द्वारा पालकों को कोर्स की किताबें, यूनिफार्म और अन्य शिक्षण सामग्री किसी निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है. 
मैंने इस सम्बन्ध में कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं. स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमियन) नियम 2020 के तहत प्रथम बार शिकायत प्राप्त होने पर स्कूल संचालक पर ₹2 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा."

 
 

पहले भी जारी हुआ था आदेश

इससे पहले भी इस तरह का आदेश जारी किया गया था. जिसके मुताबिक स्कूल-कॉलेज संचालक अब पेरेंट्स पर यूनिफॉर्म, किताबें या अन्य स्टेशनरी खरीदने का प्रेशर नहीं बना सकेंगे. यदि वे ऐसा करते हैं तो, ऐसे स्कूल-कॉलेज संचालकों को सख्त सजा भुगतनी होगी. भोपाल जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी इस आदेश के मुताबिक पेरेंट्स पर दबाव बनाने वाले स्कूल संचालकों पर आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत केस दर्ज किया जाएगा. 

 

 

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