रामनिवास रावत को लेकर बीजेपी के अंदर कब थमेगा राजनीतिक तूफान! अंदरखाने में क्या सब ठीक नहीं?

Ramnivas Rawat: बीजेपी के अंदर रामनिवास रावत केे आने से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. रामनिवास रावत को बीजेपी ने पहले कैबिनेेट मंत्री बनाया और फिर उनको वन एवं पर्यावरण विभाग भी दे दिया. लेकिन इसकी वजह से पहले मंत्री नागर सिंह चौहान और अब दूसरे सीनियर नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है.

Ramniwas Rawat New Controversy
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अभिषेक शर्मा

24 Jul 2024 (अपडेटेड: 24 Jul 2024, 04:36 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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बीजेपी के अंदर रामनिवास रावत केे आने से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है.

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रामनिवास रावत को बीजेपी ने पहले कैबिनेेट मंत्री बनाया और फिर उनको वन एवं पर्यावरण विभाग भी दे दिया.

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इसकी वजह से पहले मंत्री नागर सिंह चौहान और अब दूसरे सीनियर नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है.

Ramnivas Rawat: बीजेपी के अंदर रामनिवास रावत के आने से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. रामनिवास रावत को बीजेपी ने पहले कैबिनेेट मंत्री बनाया और फिर उनको वन एवं पर्यावरण विभाग भी दे दिया. लेकिन इसकी वजह से पहले मंत्री नागर सिंह चौहान और अब दूसरे सीनियर नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है.

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रामनिवास रावत को बीजेपी के अंदर आलाकमान का खुला सपोर्ट मिल रहा है. यह देखकर मध्यप्रदेश बीजेपी के कई पुराने और वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी भी अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. ताजा बयान पूर्व मंत्री अजय बिश्नोई का सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि ये उनका(रामनिवास रावत) सौभाग्य है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने पर उनको मंत्री पद मिल गया और ये हमारा दुर्भाग्य है कि बीजेपी में इतने साल सेवा करने के बाद भी हमारे जैसे वरिष्ठ नेताओं की कोई सुनने वाला नहीं है.

अजय बिश्नोई ऐसे अकेले नेता नहीं है जो रामनिवास रावत व अन्य कांग्रेसी नेताओं के बीजेपी में आने से नाराज हैं. पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी इसे लेकर अपनी नाराजगी पूर्व में जता चुके हैं. लंबे समय से विधायक रहने के बाद भी इस बार उनको कैबिनेट में जगह नहीं दी गई जबकि विधानसभा चुनाव से पूर्व गोपाल भार्गव को सीएम पद का दावेदार तक बताया जा रहा था. लेकिन अब वे रहली विधानसभा क्षेत्र से सिर्फ विधायक मात्र हैं.

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दिल्ली में कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान को नहीं मिली कोई तव्वजो

दिल्ली में बीते रोज कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान को बीजेपी आलाकमान ने कोई तव्वजो नहीं दी. दिल्ली में पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और फिर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही उनके साथ मुलाकात की. चर्चा थी कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और गृहमंत्री अमित शाह उनसे बात करेंगे लेकिन दोनों ने नागर सिंह चौहान से मिलने से ही इनकार कर दिया और तीखे तेवरों में संदेश दे दिया कि रामनिवास रावत के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. एडजस्टमेंट नागर सिंह चौहान को ही करना होगा. बीती रात ही वे भोपाल लौटे और सीधे सीएम मोहन यादव से मुलाकात करके अपने तीखे तेवरों को शांत करने को लेकर सहमति दे दी.

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रामनिवास रावत को बीजेपी में मिल रहा विधानसभा अध्यक्ष का खुला समर्थन?

अपना पूरा जीवन कांग्रेस में बिता देने वाले, पांच बार के कांग्रेसी विधायक रह चुके और प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके रामनिवास रावत को बीजेपी में लाया कौन. इस सवाल की खोजबीन जब हुई तो एक बड़ा सच सामने आ गया. बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि रामनिवास रावत को भाजपा में लाने का श्रेय जाता है विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को. बीते रोज नागर सिंह चौहान के विवाद के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने सीएम मोहन यादव से मुलाकात भी की.

पर बड़ा सवाल ये है कि आखिर नरेंद्र सिंह तोमर का रामनिवास रावत कनेक्शन क्या है. बीजेपी के ही सूत्र बताते हैं कि मुरैना लोकसभा सीट के चुनाव में रामनिवास रावत ने नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव जिताने में बड़ी मदद की थी. जिसके बाद रामनिवास रावत को बीजेपी में लाने और कैबिनेट मंत्री बनाने का कमिटमेंट पूरा किया गया. अब इस बात में कितनी सच्चाई है, यह तो बीजेपी आलाकमान और नरेंद्र सिंह तोमर व रामनिवास रावत ही जानते हैं लेकिन बीजेपी के अंदर इसे लेकर चर्चा गरम है.

कुल मिलाकर बीजेपी के अंदर रामनिवास रावत का सिक्का तेजी से खनक रहा है और बीजेपी के पुराने, वरिष्ठ और युवा नेताओं को रामनिवास रावत की यह स्पीड खटक रही है. लेकिन बीजेपी आलाकमान का खुला समर्थन रामनिवास रावत को मिला हुआ है, जिसके बाद बीजेपी के अंदर असंतोष तो फैल रहा है लेकिन खुलकर बोलने से सभी बच रहे हैं.

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