लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने क्यों दी सपा को खजुराहो सीट, क्या होगा बड़ा असर?

लोकसभा चुनाव के लिए आखिरकार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो ही गया है. यूपी में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, बदले में कांग्रेस ने भी मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी को खजुराहो-छतरपुर लोकसभा सीट दी है.

Congress big blow in UP Akhilesh Yadav INDIA alliance MP Elections 2023
Congress big blow in UP Akhilesh Yadav INDIA alliance MP Elections 2023

एमपी तक

21 Feb 2024 (अपडेटेड: 21 Feb 2024, 02:22 PM)

follow google news

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए आखिरकार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो ही गया है. यूपी में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, बदले में कांग्रेस ने भी मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी को खजुराहो-छतरपुर लोकसभा सीट दी है. लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि खजुराहो-छतरपुर लोकसभा सीट ही सपा को क्यों दी गई है. दरअसल खजुराहो-छतरपुर लोकसभा सीट का इलाका यूपी से लगता है और इन इलाकों में समाजवादी पार्टी और बसपा पार्टी का काफी दखल रहा है.

Read more!

विधानसभा चुनाव के दौरान भी खजुराहो, छतरपुर, पन्ना, रीवा, सतना इन जिलों में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने जमकर चुनाव प्रचार भी किया था. विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ सपा का गठबंधन नहीं होने के कारण दोनों पार्टियों के बीच संबंधों में कड़वाहट भी आ गई थी.

हालत ये हो गई थी कि कांग्रेस के उस समय के पीसीसी चीफ और मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे कमलनाथ ने अखिलेश-वखिलेश कहकर सपा को कोई तव्वजों ही नहीं दी थी. जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे. लेकिन कांग्रेस और सपा के केंद्रीय नेतृत्व के बीच लगातार हुई बातचीत के बाद अब जाकर गठबंधन पर सहमति बन गई है और पुरानी बातों को भुला दिया गया है.

सपा का अच्छा-खासा वोट बैंक है यूपी से सटे जिलों में

समाजवादी पार्टी का यूपी से सटे एमपी के जिलों में अच्छा-खासा वोट बैंक है. अक्सर छतरपुर, सतना, रीवा, चित्रकूट, पन्ना, खजुराहो जैसे इलाकों से अलग-अलग विधानसभा चुनावों में सपा के उम्मीदवार जीतकर भी आते रहे हैं. सपा का कुछ असर चंबल के इलाकों में भी देखने को मिला है. ऐसे में यदि कांग्रेस सपा को भले ही एक सीट दे लेकिन उसका असर कई अन्य सीटों पर पॉजीटिव दिखेगा, जिसका फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को होगा. क्योंकि बीजेपी ने इस बार मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. बीजेपी काफी आक्रामक अंदाज में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है और ऐसे में कांग्रेस का सपा के साथ गठबंधन कर लेने की वजह से कांग्रेस को कुछ हद तक लाभ होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- कमलनाथ कंट्रोवर्सी खत्म होते ही जीतू पटवारी कांफिडेंस में, MP को बताया “कर्ज और क्राइम की राजधानी”

    follow google newsfollow whatsapp