रायसेन में सुबह के अंधेरे में क्यों चलती है तोप, जानें क्या है कहानी?

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के रायसेन में रमजान में तोप चलाने की परंपरा चली आ रही है. जहां तोप की आवाज सुनकर मुस्लिम समाज के लोग रोज़ा खोलते हैं. यह तकरीबन 300 साल पुरानी परंपरा है, जो आज भी कायम है. सेहरी और अफ्तारी की सूचना देने के लिए किले की पहाड़ी पर तोप चलाई जाती […]

cannon fire in Raisen IN RAMJAN KNOW THE REASOn, Raisen
cannon fire in Raisen IN RAMJAN KNOW THE REASOn, Raisen

एमपी तक

• 04:18 AM • 16 Apr 2023

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Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के रायसेन में रमजान में तोप चलाने की परंपरा चली आ रही है. जहां तोप की आवाज सुनकर मुस्लिम समाज के लोग रोज़ा खोलते हैं. यह तकरीबन 300 साल पुरानी परंपरा है, जो आज भी कायम है. सेहरी और अफ्तारी की सूचना देने के लिए किले की पहाड़ी पर तोप चलाई जाती है, जिसकी अनुमति जिला कलेक्टर देता है. तोप को चलाने के लिए बाकायदा जिला प्रशासन द्वारा एक माह का लाइसेंस जारी किया जाता है. यह परंपरा पिछले करीब 300 साल से निभाई जा रही है. यहां आज भी मुस्लिम समाज के लोग किले की पहाडी से चलने वाली तोप की आवाज सुनकर ही रोजे खोलते हैं.

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रायसेन में नवाबी शासन काल से यह परंपरा चली आ रही है. इस तोप की गूंज करीब 30 गावों तक सुनाई देती है. किले पर तोप सालों से एक ही परिवार चलाता आ रहा है. तोप चलाने से पहले दोनों टाइम मार्कस वाली मस्जिद से सिग्नल मिलता है. सिग्नल के रूप में मस्जिद की मीनार पर लाल रंग बल्ब जलाया जाता है, उसके बाद किले की पहाड़ी से तोप चलाई जाती है. मप्र का रायसेन दूसरा ऐसा शहर है, जहां पर तोप चलाकर रमजान माह में सहरी और अफ्तारी की सूचना दी जाती है.

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