मुरैना लोकसभा सीट पर कैसी है ब्राह्मणों की हालत, बलबीर दंडोतिया के बीजेपी में जाने के बाद भी क्यों बंटे हैं लोग

मुरैना लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों की हालत कैसी है. बलबीर दंडोतिया के बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने से कितना पड़ रहा है ग्राउंड पर असर. एमपी तक ने की चौपाल पर चर्चा.

दुष्यंत शिकरवार

28 Apr 2024 (अपडेटेड: 28 Apr 2024, 01:31 PM)

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Morena Lok Sabha Seat: मुरैना लोकसभा सीट पर जातिगत समीकरण इतने उलझ गए हैं कि इस बार लोकसभा का चुनाव यहां भी बड़ा तगड़ा होने वाला है. मुरैना में प्रभावशली वोटर माने जाते हैं ब्राह्मण. लेकिन ब्राह्मण नेता बलबीर दंडोतिया ने ऐन मौके पर बसपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. जिसके बाद से ब्राह्मण समाज बंटा हुआ नजर आ रहा है. कुछ बलबीर दंडोतिया के इस फैसले के साथ हैं तो कई उनके इस फैसले के खिलाफ हैं. एमपी तक ने चौपाल पर जब ब्राह्मण समाज के लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि जो दंडोतिया कल तक जिन बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे थे, आज वे उनके साथ खड़े हो गए. ऐसे में ये अनुमान लगाना सही नहीं होगा कि बलबीर दंडोतिया यदि बीजेपी में चले गए तो पूरा समाज उनके पीछे-पीछे बीजेपी को सपोर्ट कर देगा. ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में एक मीटिंग करेंगे, जिसमें समाज के वरिष्ठजन फैसला लेंगे कि इस लोकसभा चुनाव में उन्हें किस पार्टी या किस उम्मीदवार का समर्थन करना है.

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आपको बता दें कि बलबीर दंडोतिया ने हाल ही में बसपा के टिकट पर दिमनी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने यह चुनाव बीजेपी के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ लड़ा था, जहां बलबीर दंडोतिया ने इतनी जबरदस्त फाइट दी कि वे नरेंद्र सिंह तोमर के बाद वोट पाने वाले दूसरे नंबर के नेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था. दिमनी सहित मुरैना की कई विधानसभा क्षेत्र में मामला क्षत्रिय वर्सेज ब्राह्मण का हो जाता है, जिसकी वजह से यहां जातिगत गोलबंदी का चुनाव होता है. आखिर बलबीर दंडोतिया के इस फैसले के साथ कौन खड़ा है और कौन उनके खिलाफ, जानने के लिए देखें चौपाल का यह पूरा वीडियो.

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