Atul Subhash: देश के कानून और शादी के मामलों में बढ़ते विवादों के बीच बेंगलुरु के आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष मोदी ने अपनी जान दे दी. 34 वर्षीय अतुल महिंद्रा एंड महिंद्रा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डीजीएम के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने शादी के बाद हुए विवादों और पत्नी निकिता सिंघानिया द्वारा दर्ज किए गए 9 केसों से परेशान होकर यह कदम उठाया. अतुल ने डेढ़ घंटे के वीडियो में पत्नी के साथ विवाद की शुरूआत वाली कहानी भी बताई. उनकी मौत के बाद से देशभर में शादी से जुड़े कानूनों, दहेज प्रथा और अदालतों की प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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अतुल सुभाष की शादी और विवादों की शुरुआत
अतुल और निकिता की पहली मुलाकात 2019 में shaadi.com के जरिए हुई थी. उसी साल 26 अप्रैल को दोनों ने शादी की. शादी के कुछ ही समय बाद विवाद शुरू हो गए. निकिता ने अतुल और उनके परिवार पर 10 लाख रुपये दहेज मांगने और घरेलू हिंसा के आरोप लगाए. 2022 में निकिता ने अतुल के खिलाफ कई केस दर्ज किए. इन आरोपों में शराब पीकर मारपीट करना, अननैचुरल सेक्स और दहेज की मांग शामिल थे. अतुल ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए 24 पन्नों का नोट और डेढ़ घंटे का वीडियो छोड़कर अपनी बेगुनाही का पक्ष रखा.
कोरियन ड्रामा और मॉरीशस में हनीमून
अतुल ने बताया कि शादी के बाद वे मॉरीशस में हनीमून मनाने गए थे. वहां जाने के बाद निकिता ने उन्हें बताया कि वह शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन घर वालों के दबाव में शादी करनी पड़ी. हनीमून के दौरान दोनों के कई बार झगड़े हुए. अतुल ने बताया कि वहीं से निकिता का व्यवहार अजीब सा लगने लगा. कोरोना काल में निकिता की नौकरी चली गई. वो परेशान रहने लगी. इस दौरान वो पूरे दिन रोमेंटिक कोरियन ड्रामा देखने लगी. उसने पति अतुल से भी उस ड्रामा के कोरियन किरदार की तरह व्यवहार करने के लिए कहा. अतुल वो नहीं कर पाए और न ही उन्होंने उसमें कोई रुचि दिखाई. उन्होंने कहा- मुझे तो भारतीय रहना ही पसंद है.
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अदालत में बार-बार पेशी
अतुल के आखिरी नोट के मुताबिक, दहेज के मामले में एफआईआर के बाद अतुल और उनका परिवार 120 बार जौनपुर कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान अतुल को अपनी नौकरी से 40 बार छुट्टी लेनी पड़ी. उन्होंने अदालत की प्रक्रियाओं और प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए. नोट में अतुल ने लिखा कि जज ने केस सेटलमेंट के लिए 5 लाख रुपये की मांग की. अतुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अदालतों पर भरोसा नहीं है और उनके केस को कर्नाटक में स्थानांतरित किया जाए.
निकिता के आरोप और अतुल की सफाई
निकिता ने अतुल पर दहेज की मांग, मारपीट और अन्य गंभीर आरोप लगाए. अतुल ने अपने नोट में इन आरोपों को खारिज करते हुए कई सबूत पेश किए. उन्होंने कहा कि उनके जैसा व्यक्ति, जो खुद 40 लाख रुपये की नौकरी करता है, वह 10 लाख रुपये दहेज क्यों मांगेगा. उन्होंने ससुराल वालों पर 15 लाख रुपये का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया.
न्याय के लिए अतुल की आखिरी अपील
अतुल ने अपने आखिरी नोट में लिखा, "Justice is Due." उन्होंने अदालत से अपील की कि उनके परिवार को इन झूठे मामलों से मुक्त किया जाए. अतुल ने यह भी कहा कि उनके मरने के बाद उनकी अस्थियों को अदालत के बाहर बहा दिया जाए.
अतुल सुभाष की दुखद घटना ने देश में दहेज कानून और अदालती प्रक्रियाओं पर बहस को फिर से ताजा कर दिया है. क्या इन कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है, और कैसे अदालतों की प्रक्रियाएं लोगों को मानसिक रूप से तोड़ सकती हैं, यह विचारणीय है.
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यहां देखें पूरा वीडियो
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