Karnataka BJP: कर्नाटक ऐसा एक राज्य है जिसके दम पर दक्षिण भारत में बीजेपी का कमल खिला. इस बात को करीब 20 साल हो चुके हैं. बीएस येदियुरप्पा ने जो असंभव काम कर्नाटक में कर दिखाया वैसा कुछ कोई और नेता किसी और दक्षिण के राज्य में नहीं कर पाया. 81 साल के येदियुरप्पा भी कब तक सारी जिम्मेदारी अपने कंधे पर लिए घूमते. 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत और बीजेपी की कमान बेटे बीवाई विजयेंद्र को सौंप दी. येदियुरप्पा की जगह लेने के लिए कर्नाटक बीजेपी के कई दावेदार थे. सबको नजरअंदाज कराकर येदियुरप्पा ने अपनी बात हाईकमान से मनवा ली. कोई कुछ न कह सका, न कर पाया.
ADVERTISEMENT
कर्नाटक बीजेपी में बगावत
एक साल से सब चुपचाप हाईकमान का आदेश मानकर चुपचाप थे. कोई कब तक चुप रहता. अब कर्नाटक बीजेपी में शोले भड़के हैं. बीवाई विजयेंद्र निशाने पर हैं. बहुत जोर-शोर से महसूस किया या कराया जा रहा है कि बीवाई विजयेंद्र को लाना पार्टी के लिए बेहद घातक साबित हुआ. जब बीवाई विजयेंद्र और उनकी टीम जब सिद्धारमैया और डीके शिव कुमार के बीच चल रहे शीतयुद्ध पर मजे लेने में बिजी है तब कर्नाटक में विजयेंद्र के खिलाफ खुलकर आवाजें उठी हैं. एक बड़े राज्य के बीजेपी अध्यक्ष को बच्चा पुकारा जा रहा है.
बीजेपी को लग रहे झटके
2023 से कर्नाटक की राजनीति पलट गई. बीजेपी से बहुत मजबूत हो गई कांग्रेस. बैक टू बैक बीजेपी को चुनावी झटके लग रहे हैं. पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी हुई. फिर लोकसभा चुनाव में बीजेपी का कर्नाटक किला कमजोर हुआ. 2019 में जिस पार्टी ने सारी 25 सीटें जीती थी वो 2024 में सिर्फ 17 सीटें बरकरार रख पाई. उपचुनावों में भी कांग्रेस ने 3-0 से बीजेपी-जेडीयू को हरा दिया. डीके शिव कुमार के चुनावी मैनेजमेंट से बीजेपी का धुआं-धुआं हो रखा है. बी वाई विजयेंद्र के मुकाबला नहीं करने से बगावत तेज हुई.
विजयेंद्र के खिलाफ माहौल तो पहले था लेकिन कोई कुछ बोल नहीं रहा था. येदियुरप्पा के लिहाज और बीजेपी के अनुशासन वाले सिस्टम से सबने चुप्पी साधी हुई थी. बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और रमेश जारकीहोली के बर्दाश्त का बांध टूट गया तो कर्नाटक बीजेपी का सारा अनुशासन हवा हो गया.डीके शिव कुमार को फायदा हो रही है कि कर्नाटक में बीजेपी खुद ही निपट रही है.
पार्टी अध्यक्ष को बताया बच्चा!
रमेश जारकीहोली ने तो बेलगावी में रैली करके अपने पार्टी अध्यक्ष को बच्चा और जूनियर बोल दिया. डंके की चोट पर एलान कर दिया कि मेरे मन में विजयेंद्र के लिए सम्मान नहीं है. ये भविष्यवाणी भी कर दी कि विजयेंद्र ज्यादा समय तक पार्टी अध्यक्ष नहीं रह पाएंगे. हालांकि येदियुरप्पा को लेकर सम्मान दिखाने में कोई कमी नहीं रखी. बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कह दिया कि वो विजयेंद्र को अपना नेता नहीं मानते.
विजयेंद्र आजकल काफी समय लगा रहे हैं ये बताने में कि कांग्रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सब ठीक नहीं है. यहां तक भविष्यवाणी कर चुके हैं कि अगर इस महीने डीके सीएम नहीं बने तो फिर कभी सीएम नहीं बन पाएंगे. जब अपने खिलाफ पार्टी के खिलाफ माहौल बना तो उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के दोनों विधायक कांग्रेस के इशारे पर कलह कर रहे हैं. रमेश जारकीहोली पुराने कांग्रेसी हैं. विजयेंद्र के खिलाफ बगावत का कांग्रेसी एंगल इसी से जुड़ा है.
ये सब तब हुआ जब केंद्रीय कृषि मंत्री और कर्नाटक बीजेपी प्रभारी शिवराज सिंह चौहान दौरे पर आए. उन्होंने एलान कर दिया कि नए प्रदेश अध्यक्ष चुनावी प्रक्रिया से चुना जाएगा. शिवराज के बोलने के बाद पार्टी की कलह और तेज हो गई. विजयेंद्र समर्थक भी फ्रंटफुट पर आए.
पार्टी से निकालने की मांग शुरू
एमपी रेणुकाचार्य और कट्टा सुब्रमण्य नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यतनाल और जरकीहोली को पार्टी से निकालने की मांग कर दी. कर्नाटक के सांसद और मोदी सरकार के प्रभावशाली मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि किसी को भूलना नहीं चाहिए कि विजयेंद्र को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था. इस फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए.
वी सुनील कुमार विधायक भी हैं और कर्नाटक बीजेपी के संगठन महासचिव हैं. ओबीसी नेता भी है और आरएसएस बैकग्राउंड से भी आते हैं. बसवराज बोम्मई की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी होते थे.सुनील कुमार ने अचानक संगठन महासचिव का पद छोड़ने का एलान कर दिया. कारण तो पारिवारिक बताया लेकिन अंदरखाने चर्चा है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र से तंग आकर पार्टी में साइड होने का फैसला किया है. सुनील कुमार के पद छोड़ने से हड़कंप मचा है.
येदियुरप्पा की बोलती है तूती
माना जाता है कि कर्नाटक बीजेपी में बिना येदियुरप्पा की मर्जी से पत्ता भी नहीं हिलता. बेटे के मामले में येदियुरप्पा कमजोर पड़ रहे हैं. 81 साल की उम्र में खुद अलग मुश्किल में फंसे हैं. जेल जाने की नौबत आई है. कर्नाटक बीजेपी में एकछत्र राज करने वाले बड़े लिंगायत येदियुरप्पा पर 17 साल की नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोपों में पास्को एक्ट लगा है. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पूरी कोशिश में है कि येदियुरप्पा को कोई कानूनी राहत नहीं मिले. पास्को एक्ट और नाबालिग के यौन शोषण का केस खत्म कराने येदियुरप्पा की कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा की POCSO मामले को रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में भी फंसे हैं. जमीन घोटाले में लगे केस की सुप्रीम कोर्ट में 28 फरवरी से सुनवाई शुरू होनी है.
ADVERTISEMENT