Greater Kailash Seat: एकतरफा जीतेंगे मंत्री Saurabh Bhardwaj या इस बार फंस जाएंगे?

ग्रेटर कैलाश के समीकरण सौरभ भारद्वाज के पक्ष में नजर आ रहे हैं. कमजोर विपक्षी उम्मीदवार और स्थानीय लोकप्रियता उनकी जीत की संभावना को बढ़ाते हैं.

AAP Leader Saurabh Bhardwaj

AAP Leader Saurabh Bhardwaj

दिनेश यादव

• 12:12 PM • 20 Jan 2025

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Greater Kailash Analysis: दिल्ली के ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक हलचल हमेशा दिलचस्प रही है. साल 2008 में गठित इस विधानसभा में 2013 तक बीजेपी का वर्चस्व कायम रहा. लाख कोशिशों के बावजूद कांग्रेस यहां कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई. यहां तक कि 2015 के चुनाव में कांग्रेस ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को मैदान में उतारा, लेकिन नतीजा हार ही रहा.  

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साल 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) के सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के लंबे वर्चस्व को खत्म किया और तब से लगातार इस सीट पर काबिज हैं. अब सवाल यह है कि क्या 2025 में सौरभ भारद्वाज यह सीट फिर जीत पाएंगे या समीकरण बदलेंगे?  

ग्रेटर कैलाश सीट पर मुख्य मुकाबला 

इस बार ग्रेटर कैलाश सीट पर तीन प्रमुख उम्मीदवार आमने-सामने हैं:  
- AAP: सौरभ भारद्वाज  
- BJP: शिखा राय  
- Congress: गर्वित सिंघवी  

पिछले चुनावों का रिकॉर्ड  

ग्रेटर कैलाश में पिछले तीन विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी का दबदबा रहा है:

साल पार्टी उम्मीदवार मार्जिन
2013 AAP सौरभ भारद्वाज 13,092 वोट
2015 AAP सौरभ भारद्वाज 14,583 वोट
2020 AAP सौरभ भारद्वाज 16,809 वोट

ग्रेटर कैलाश का समीकरण

ग्रेटर कैलाश दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक है. इस क्षेत्र में जातीय वोट बैंक की बजाय मुद्दों पर वोट दिया जाता है.   
  - जीके-1 और जीके-2 जैसी प्रसिद्ध बाजारें.  
  - सीआर पार्क और कालीबाड़ी मंदिर जैसे सांस्कृतिक स्थल.  
  - गांवों और अवैध कॉलोनियों की अधिकता.  
  - पंजाबी, बंगाली और वैश्य समुदाय बहुसंख्यक.  

- मुद्दे:  
  - पॉश इलाकों में सड़क और पानी की समस्या.  
  - गांवों और कॉलोनियों में सीवर और सफाई की दिक्कतें.  

सौरभ भारद्वाज के पक्ष में और खिलाफ फैक्टर 

फेवर में:  
- निगम चुनाव में AAP ने 3 में से 2 सीटें जीतीं.  
- सौरभ भारद्वाज का स्थानीय प्रभाव और फेस वैल्यू.  
- आसानी से लोगों के बीच उपलब्ध रहते हैं.  
- मंत्री बनने की संभावना और विकास कार्यों की धारणा.  
- कांग्रेस का कमजोर उम्मीदवार.  

खिलाफ:
- पॉश इलाकों में बुनियादी समस्याएं.  
- गांवों और अवैध कॉलोनियों में सड़क और सीवर के मुद्दे.  
- कम वोटिंग प्रतिशत.  

नतीजे क्या कहेंगे?

ग्रेटर कैलाश के समीकरण सौरभ भारद्वाज के पक्ष में नजर आ रहे हैं. कमजोर विपक्षी उम्मीदवार और स्थानीय लोकप्रियता उनकी जीत की संभावना को बढ़ाते हैं. हालांकि, चुनावी नतीजों का फैसला अंतिम रूप से जनता की मुहर ही तय करेगी.

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