मणिपुर में 6 लापता लोगों की मौत से बेकाबू हुए हालात, 3 मंत्री, 6 MLA और CM के दामाद के घर हमला

Manipur Violence: शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया. इससे राज्य में तनाव और बढ़ गया. इसके चलते सरकार को पांच जिलों में कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लेना पड़ा.

NewsTak

शुभम गुप्ता

• 11:05 AM • 17 Nov 2024

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Manipur Violence: मणिपुर में हालात फिर से गंभीर होते नजर आ रहे हैं. जिरीबाम जिले की एक नदी से छह लापता व्यक्तियों के शव मिलने के बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी. शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया. इससे राज्य में तनाव और बढ़ गया. इसके चलते सरकार को पांच जिलों में कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लेना पड़ा.

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CM के दामाद के घर पर हमला

प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और बीजेपी विधायक आरके इमो के घर पर हमला किया. प्रदर्शनकारियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और संपत्ति को आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा, इंफाल पश्चिम जिले में शहरी विकास मंत्री वाई. खेमचंद, स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन, और खपत मंत्री एल. सुसींद्रो सिंह के घरों को भी निशाना बनाया गया.

स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन ने प्रदर्शनकारियों से यह आश्वासन दिया कि वह छह लोगों की हत्या के मामले को कैबिनेट बैठक में उठाएंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि यदि सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं करती, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.

नदी से मिले शवों ने बढ़ाई हिंसा

जिरीबाम जिले की बारक नदी से लापता छह लोगों के शव बरामद होने के बाद यह हिंसा भड़की. इनमें दो महिलाएं, एक बच्चा, और अन्य तीन लोग शामिल थे. शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज भेजा गया. इन घटनाओं के बाद प्रदर्शनकारियों ने उग्र रुख अपनाते हुए मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला करना शुरू कर दिया.

इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने थंगमेइबंद इलाके में सड़क पर टायर जलाकर विरोध किया और मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर बढ़ने का प्रयास किया. पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.

इंटरनेट बंद और उग्रवादियों पर कार्रवाई की मांग

राज्य के बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्य सचिव वीनीत जोशी ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल, और कचिंग जिलों में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया. साथ ही इन जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं.

इस बीच, मानवाधिकार संगठनों के समन्वय समिति (COCOMI) ने उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की है. COCOMI ने सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को तत्काल रद्द करने की भी मांग की है.

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को हुई थी, जब मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ कुकी-जो जनजाति समुदाय ने प्रदर्शन किया. यह आदेश मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश से संबंधित था. मैतेई समुदाय ने अपनी दलील दी थी कि मणिपुर के भारत में विलय से पहले उन्हें जनजाति का दर्जा प्राप्त था.

इसके बाद से राज्य में बार-बार हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. हालिया घटना ने एक बार फिर मणिपुर के अशांत माहौल को उजागर किया है.

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