मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के 'काले कारनामे' आए सामने, HEMA रिपोर्ट ने मचाया तहलका

HEMA Report: पिछले महीना जस्टिस के हेमा कमेटी ने 235 पन्नों की एक रिपोर्ट पेश की. हेमा समिति की रिपोर्ट में सबसे प्रमुख बात यौन उत्पीड़न है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, और वे इसके खिलाफ आवाज उठाने से डरती हैं.

NewsTak

शुभम गुप्ता

05 Sep 2024 (अपडेटेड: 05 Sep 2024, 08:07 PM)

follow google news

Hema Report: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों HEMA रिपोर्ट के कारण विवादों में घिरी हुई है. इस रिपोर्ट ने न सिर्फ दक्षिण भारतीय सिनेमा बल्कि नेताओं और एक्टर्स को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. इस रिपोर्ट में कई बड़े नाम सामने आए हैं, जिससे यह मामला #MEETOO2.0 के नाम से चर्चा में आ गया है. आइए जानते हैं, आखिर हेमा समिति की रिपोर्ट क्या है और इसमें क्या खुलासे हुए हैं.

Read more!

2017 की घटना जिसने इंडस्ट्री को हिला दिया

फरवरी 2017 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी एक अभिनेत्री के साथ एक भयानक घटना घटी. शूटिंग से लौट रही उस अभिनेत्री को कुछ लोगों ने किडनैप कर लिया और चलती कार में उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. इस घटना ने न केवल मलयालम इंडस्ट्री बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. 

इस घटना के बाद मलयालम इंडस्ट्री की कई एक्ट्रेस एकजुट हुईं और मई 2017 में "वूमेन इन सिनेमा कलेक्टिव" (WCC) की स्थापना की. WCC ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात की और इंडस्ट्री में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए एक समिति के गठन की मांग की. इसके बाद केरल सरकार ने 2017 में केरल हाई कोर्ट की न्यायाधीश के. हेमा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया.

हेमा समिति की रिपोर्ट

हेमा समिति ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया था. हालांकि, सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के तहत यह रिपोर्ट अब पांच साल बाद सार्वजनिक हो गई है और इसके सामने आते ही मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है. रिपोर्ट में इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं.

रिपोर्ट में क्या है?

पिछले महीना जस्टिस के हेमा कमेटी ने 235 पन्नों की एक रिपोर्ट पेश की. हेमा समिति की रिपोर्ट में सबसे प्रमुख बात यौन उत्पीड़न है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, और वे इसके खिलाफ आवाज उठाने से डरती हैं. एक्ट्रेसेज को काम से निकाले जाने, बैन किए जाने और धमकियों का डर रहता है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंडस्ट्री के कई प्रमुख व्यक्ति इसमें शामिल हैं, जिनमें निर्देशक, निर्माता और प्रोडक्शन कंट्रोलर का नाम है. जब महिलाएं काम की तलाश में इनसे संपर्क करती हैं, तो उनसे काम के बदले यौन संबंध बनाने की मांग की जाती है.

जो महिलाएं इस दबाव का विरोध करती हैं, उन्हें या तो काम नहीं मिलता है या फिर काम से हाथ धोने का खतरा होता है. एक्टर्स भी खुलेआम महिला कलाकारों पर यौन संबंध बनाने का दबाव डालते हैं. कई एक्ट्रेसेज ने इसके सबूत के तौर पर वीडियो क्लिप्स, ऑडियो क्लिप्स, स्क्रीनशॉट और व्हाट्सएप मैसेज पेश किए हैं.

इंडस्ट्री में गंभीर आरोप

रिपोर्ट में इंडस्ट्री के लगभग दस बड़े नाम सामने आए हैं, जिन पर गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले में अभिनेता दिलीप का नाम भी सामने आया और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया लेकिन कुछ ही समय बाद उन्हें जमानत दे दी गई. उनके अलावा इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है और वो हैं एक्टर निविन पॉली. उनपर 40 साल की महिला ने बलात्कार के आरोप लगाए हैं. निविन ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि वे इस मामले को कानूनी तौर पर देखेंगे. बता दें कि इस मामले को लेकर अभी तक 17 केस दर्ज किए जा चुके हैं.
 

    follow google newsfollow whatsapp