Surya Grahan 2025: रविवार या सोमवार, कब लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण?

21-22 सितंबर 2025 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा और यहां सूतक भी मान्य नहीं होगा. फिर भी इसका ज्योतिषीय प्रभाव वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशियों पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है.

सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण

न्यूज तक डेस्क

20 Sep 2025 (अपडेटेड: 20 Sep 2025, 05:06 PM)

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साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण अब बस आने ही वाला है. यह सूर्य ग्रहण रविवार यानी 21 सितंबर को लगेगा और 22 सितंबर की अर्धरात्रि यानी आधी रात तक चलेगा. हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसके बावजूद इसका असर वातावरण और कुछ राशियों पर जरूर देखने को मिल सकता है.

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कब लगेगा सूर्य ग्रहण?

भारतीय वक्त के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर को रात के 3 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. इस ग्रहण की पीक टाइमिंग रात के 1 बजकर 11 मिनट पर रहेगी. कुल मिलाकर ये ग्रहण 4 घंटे से ज्यादा लंबा चलेगा.

भारत में दिखेगा या नहीं?

ये आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा. यह मुख्य रूप से दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों से देखा जा सकेगा. क्योंकि यह भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल भी यहां लागू नहीं होगा.

सूर्य ग्रहण होता क्या है?

जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी धरती पर ठीक से नहीं पहुंच पाती, तो उसे सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस बार का ग्रहण आंशिक होगा, यानी ग्रहण के दौरान सूरज का कुछ हिस्सा ही ढकेगा. 

ज्योतिष के नजरिए से: 2025 के सूर्य ग्रहण की खास बातें

इस बार का सूर्य ग्रहण कन्या राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है, जो इसे और भी खास बना देता है

- ग्रहण के समय कन्या राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुद्ध एक साथ होंगे, जिससे चंद्र की स्थिति कमजोर मानी जा रही है.
- सिंह राशि में शुक्र और केतु की युति हो रही है, जो कि सुखों में बाधा डाल सकती है.
- तुला राशि में मंगल बैठा है, जिससे ग्रहण से पहले और बाद वाली राशियों पर प्रभाव देखने को मिलेगा.
- 30 साल बाद सूर्य और शनि आमने-सामने आकर समसप्तक योग बना रहे हैं.
- साथ ही शनि और मंगल की स्थिति से षडाष्टक योग भी बन रहा है.

122 साल बाद बन रहा है खास संयोग

ज्योतिषियों के अनुसार,122 साल बाद ऐसा हो रहा है कि पितृपक्ष की शुरुआत और समापन दोनों ही सूर्य ग्रहण से हो रहे हैं. इससे पहले यह संयोग साल 1903 में बना था.

किन राशियों को रखना होगा सावधान?

भले ही ये ग्रहण भारत में न दिखे, लेकिन इसके प्रभाव से कुछ राशियों को सावधानी बरतनी चाहिए. इनमें शामिल हैं:

  • वृषभ
  • कर्क
  • कन्या
  • धनु
  • मकर
  • कुंभ

इन राशियों के लिए यह समय थोड़ी परेशानियों वाला हो सकता है, इसलिए खुद पर संयम रखें और जरूरी फैसलों में सोच-समझकर कदम उठाएं.

ग्रहण के दौरान क्या करें?

सूर्य ग्रहण के समय भले ही भारत में सूतक ना हो, लेकिन फिर भी कुछ उपाय अपनाना शुभ माना गया है:

1. मंत्र जाप और ध्यान करें- इस समय की गई साधना का फल कई गुना बढ़ जाता है.
2. दान करें- ग्रहण के बाद गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है.
3. स्नान और शुद्धिकरण- ग्रहण के बाद स्नान करके घर की सफाई जरूर करें.

तो अगर आप सोच रहे हैं कि "साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल है या परसों?", तो जवाब है कि 21 सितंबर की रात से शुरू होकर 22 सितंबर की रात तक चलेगा. भारत में यह नजर नहीं आएगा, लेकिन फिर भी इसके ज्योतिषीय और आध्यात्मिक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

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