FATF क्या है, जिसने की ED की तारीफ? अपनी रिपोर्ट में भारत को क्यों चेताया

FATF एक इंटरनेशनल संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसी वित्तीय मामलों से निपटने के लिए गाइडलाइन तैयार करती है. इसने अपनी रिपोर्ट में ED की तारीफ की है और अपनी रिपोर्ट्स में उसके चार केसों का जिक्र कर भारत को चेताया है.

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शुभम गुप्ता

• 07:32 PM • 21 Sep 2024

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FATF ने भारत की ED की तारीफ की है. FATF यानी कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स. ये टास्क फोर्स इंटरनेशनल लेवल पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने का काम करती है. इसने भारत की मनी लॉन्ड्रिंग और एंटी टेरररिज्म फाइनेंसिंग सिस्टम की तारीफ की है. FATF ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल 2018 से 2023 के बीच केंद्रीय जांच एजेंसी ने PMLA के तहत 16537 करोड़ रुपए जब्त किए हैं.

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हालांकि ये संस्था भारत की तारीफ करती रहती है लेकिन उसने ये चेताया है कि देश में हवाला, ब्लैक मनी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई मामले चल रहे हैं, जिसपर उन्हें काम करना चाहिए.

इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि क्या है FATF, और क्यों हर देश इसकी बातों को गंभीरता से लेता है. ये कैसे कुछ ही समय में दुनिया की सबसे बड़ी वॉचडॉग संस्था बन गई है. तो आइए जानते हैं कि इस संस्था को क्यों बनाया गया, ये कैसे काम करती है और इसने अपनी रिपोर्ट में ED के किन चार केसों का जिक्र किया है.

क्या है FATF?

FATF एक इंटरनेशनल संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसी वित्तीय मामलों से निपटने के लिए गाइडलाइन तैयार करती है. इसका हेड ऑफिस पेरिस में है और इसकी स्थापना 1989 में हुई थी. FATF फाइनेंशियल क्राइम्स को बढ़ावा देने वाले देशों पर लगाम कैसे कसे उसपर काम करता है.

FATF का काम

FATF मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद, और संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का नेतृत्व करता है. इसमें 40 सदस्य देश शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि राष्ट्रीय अधिकारी नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध हथियारों के व्यापार, साइबर धोखाधड़ी, और अन्य अपराधों से जुड़े अवैध धन पर प्रभावी कार्रवाई कर सकें. FATF निरंतर यह निगरानी करता है कि अपराधी और आतंकवादी किस तरह से धन जुटाते हैं, उसका कैसे इस्तेमाल करते हैं और उसे किस प्रकार इधर-उधर ले जाते हैं.

FATF ने अपनी रिपोर्ट में ED के किन चार केसों का जिक्र किया-

मंगलुरु ब्लास्ट केस: FATF की रिपोर्ट में ED द्वारा किए गए जांच में यह सामने आया कि आठ अलग-अलग वर्चुअल एसेट्स (क्रिप्टोकरेंसी) के जरिये टेरर फंडिंग की गई थी.

PFI फंडिंग केस: जांच में सामने आया कि प्रतिबंधित संगठन PFI का ISIL से कनेक्शन है. मनी ट्रेल में 300 बैंक अकाउंट्स का खुलासा हुआ, जिनका इस्तेमाल 11 बैंकों की 22 शाखाओं में फंडिंग के लिए किया गया था. इसके बाद PFI को पांच साल के लिए बैन कर दिया गया.

विजय माल्या केस: माल्या पर पैसों को लेकर धोखाधड़ी का मामला है. हालांकि 2019 में उसके भारत वापस आने का रास्ता साफ हो गया था, लेकिन UK में कानूनी प्रक्रिया में देरी के कारण यह अब तक मुमकिन नहीं हो पाया है.

कश्मीर टेरर फंडिंग केस: साल 2017 में लश्कर, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. ED ने मनी ट्रेल का खुलासा किया और 2022 में यासीन मलिक की गिरफ्तारी हुई.

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