बीजेपी आजादी की लड़ाई का सिपाही मानकर विनायक दामोदर सावरकर को पूजती है. राहुल गांधी कायर, अंग्रेजों के लिए काम करने वाले एजेंट जैसे आरोप लगाते रहे हैं. सावरकर की मौत 1966 में गई थी लेकिन राहुल और सावरकर की लड़ाई 58-59 साल बाद एकदम पीक पर है. राहुल गांधी ने पिछले दो-तीन साल में सावरकर को लेकर जितने बयान दिए उनको लेकर कई मुकदमों में फंसे हैं. एक और मुकदमे में फंसाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई. मांग थी कि राहुल गांधी को मना किया जाए कि वो सावरकर के योगदान को नजरअंदाज करने वाले बयान न दें. ऐसा करके वो मौलिक कर्तव्यों का उल्लंघन कर रहे हैं. याचिका में राहुल गांधी के लंदन वाले उस भाषण का रेफरेंस दिया गया उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि सावरकर मुसलमानों को देशद्रोही मानते थे.
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