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रोहित वेमूला देश की राजनीति में अक्सर गूंजने वाला ऐसा नाम है जिसका जिक्र बीजेपी के नेता नहीं करते लेकिन राहुल गांधी बार-बार अक्सर याद करते हैं. रोहित वेमूला नेता नहीं थे. राजनीतिक विचारक या सेलिब्रिटी भी नहीं थे. वो तो एक छात्र थे जो तेलंगाना की हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने पहुंचे थे. स्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि 2016 में उन्होंने जान दे दी. रोहित वेमुला ने क्यों, कैसे, जिस परिस्थितियों में जान दी उसका विवाद आज तक खत्म नहीं हुआ लेकिन केस क्लोज हो चुका है. राहुल गांधी ने रोहित वेमुला की मौत को दलितों के साथ हो रहे भेदभाव से जोड़ा. अब रोहित वेमुला की श्रद्धांजलि के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है.
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