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अलग तेलंगाना राज्य बनाने के लिए केसीआर ने तेलंगाना संघर्ष समिति यानी टीआरएस नाम की पार्टी बनाई थी. राजनीतिक संघर्ष से तेलंगाना राज्य भी बना. 10 साल सत्ता का सुख भी भोगा. तब कहां सोचा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब सरवाइवल के लिए नए सिरे से संघर्ष करना पड़ेगा. उनका अपना छोटा सा परिवार ही संघर्ष का अखाड़ा बन जाएगा. सोचे तो थे कि टीआरएस को बीएसएस यानी नेशनल पार्टी बनाकर नेशनल रोल प्ले करेंगे. एक चुनाव क्या हारे, घर परिवार, पार्टी सब चौपट हो गया. राजनीतिक विरासत आगे ले जाने के लिए बड़े बेटे को चुना तो छोटी बेटी नाराज हो गई. क्या करते एक दिन फैसला करना था कि बेटा या बेटी. कालमेश्वरम प्रोजेक्ट में घोटाले को लेकर सीबीआई जांच और जेल जाने की नौबत से पहले केसीआर ने फाइनल वरडिक्ट दे दिया. बेटे केटीआर के लिए बेटी कविता को पार्टी से निकाल बाहर किया. एक्शन का आधार बना कि कविता की पॉलिटिक्स, बयानबाजी सब पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है. इससे पहले भी 22 अगस्त को पार्टी का पद छीना गया था.
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