चुनाव में हारी हुई पार्टी में सबको संभालना और अनुशासन के दायरे में रखना कितना मुश्किल होता है, ये बीजेडी चीफ नवीन पटनायक को समझ आ रहा होगा. जिस बीजेपी से दोस्ती रखकर सत्ता औऱ जनाधार सब गंवा बैठे उसी बीजेपी के चक्कर में वक्फ बिल पर वोटिंग को लेकर पार्टी में भयंक आंधी-तूफान आया हुआ है. नीतीश कुमार की जेडीयू के बाद बीजेडी में इतनी उठा-पटक हो रही है कि पार्टी बचाना मुश्किल होगा.ओडिशा में मुस्लिम वोट बैंक इतना बड़ा नहीं है. मुश्किल से दो सवा दो परसेंट मुस्लिम आबादी है. 2011 की जनगणना के मुताबिक करीब 9 लाख मुस्लिम रहते हैं. नवीन पटनायक की राजनीति में भी हिंदू-मुस्लिम फैक्टर कभी हावी नहीं रहा.
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