ओडिशा में 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों न केवल नवीन पटनायक के लिए नाइट मेयर साबित हुए बल्कि आईएएस से इस्तीफा देकर राजनीति में आए वीके पांडियन को भी तगड़ा झटका लगा. नवीन पटनायक से दोस्ती करते हुए बीजेपी ने बीजेडी के वोट बैंक को ऐसे चाटा कि दिल्ली से लेकर भुवनेश्वर की पॉलिटिक्स में नवीन पटनायक का तंबू उखड़ गया. निशाने पर वीके पांडियन आए कि सब उनके कारण हुआ. हालांकि नवीन बाबू ने कभी पांडियन पर आंच नहीं आने दी. चुनावों में हार के बाद वीके पांडियन खुद ही हार की जिम्मेदारी लेते हुए राजनीति से आउट होने का एलान किया था. तब से वीके पांडियन का कहीं अता-पता नहीं था. लंबे समय तक बीजेडी और सरकार की जिम्मेदारी नवीन बाबू ने पांडियन पर सौंप रखी थी. एक झटके में पांडियन सब छोड़ आए. सत्ता से दूर होने पर नवीन बाबू की सेहत भी साथ नहीं दे रही है. रह-रहकर अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं.
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