12 साल की सुशीला मीणा की तूफानी गेंदबाजी ने मचाई धूम, सचिन तेंदुलकर भी बन गए फैन

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बच्ची की वीडियो खूब वायरल हो रही है. जिसमें एक बच्ची पूर्व भारतीय गेंदबाज जहीर खान की तरह गेंदबाजी करती नजर आ रही है, बच्ची की प्रतिभा को देखकर सचिन तेंदुलकर ने भी वीडियो को शेयर कर जहीर खान को टैग किया है.

 Sushila Meena
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who is Sushila Meena: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बच्ची की वीडियो खूब वायरल हो रही है. जिसमें एक बच्ची पूर्व भारतीय गेंदबाज जहीर खान की तरह गेंदबाजी करती नजर आ रही है, बच्ची की प्रतिभा को देखकर सचिन तेंदुलकर ने भी वीडियो को शेयर कर जहीर खान को टैग किया है. हर कोई इस बच्ची के बारे में जानना चाह रहे हैं कि यह कौन है. आइए आपको बताते हैं, वायरल हो रही है यह बच्ची कौन हैं और कहां की रहने वाली है. 

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इंटरनेट पर छा रही इस बच्ची का नाम सुशीला मीणा है, जो राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की धरियावद उपखंड के एक छोटे से गांव रामेर तालाब की रहने वाली है. सुशीला पांचवी कक्षा की छात्रा हैं और बाएं हाथ की तेज गेंदबाज हैं. 

साधारण परिवार से आती है सुशीला

न्यूज तक ने सुशीला मीणा के माता-पिता और उनके कोच ईश्वरलाल मीणा से खास बातचीत की. सुशीला का परिवार बेहद साधारण और संघर्षशील जीवन जी रहा है. उनके पिता रतनलाल मीणा और मां शांति बाई मीणा मजदूरी और खेती से अपनी आजीविका चलाते हैं. सुशीला का गांव करीब 250 घरों वाला एक छोटा सा बस्ती है, जो 1980 में गुजरात के कडाणा बांध के डूब क्षेत्र से विस्थापित होकर यहां बसाया गया था.  

प्रशासन से मदद की उम्मीद  

सुशीला मीणा के परिवार को भरोसा है कि उनकी बेटी एक दिन अपने खेल और पढ़ाई के जरिए देश का नाम रोशन करेगी. परिवार को प्रशासन से सहायता की उम्मीद है, जिससे सुशीला को अपने सपनों को पूरा करने का अवसर मिले. सुशीला को क्रिकेट खेलने का खास शौक है, और वह पढ़ाई के साथ इस खेल में भी अपना हुनर दिखा रही हैं.  

गांव की हालत और विकास की दरकार  

गुलाब सिंह मीणा बताते हैं कि गांव के अधिकतर लोग मजदूरी के लिए गुजरात और महाराष्ट्र जाते हैं. उनका मानना है कि गांव में एक सामुदायिक भवन होना चाहिए, जिससे सभी ग्रामीणों को फायदा हो सके. साथ ही, खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक खेल का मैदान भी बहुत जरूरी है.  

राजस्व गांव का दर्जा देने की मांग  

गुलाब सिंह का कहना है कि गांव में कई उभरती हुई प्रतिभाएं हैं, जिन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है. ऐसे में यह जरूरी है कि गांव को राजस्व गांव का दर्जा मिले और प्रशासनिक सहायता प्रदान की जाए. इससे न केवल गांव का विकास होगा बल्कि प्रतिभाओं को भी अपनी क्षमताओं को दिखाने का मौका मिलेगा.  

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