8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नए साल में बड़ा तोहफा आ सकता है. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चा जोरों पर है, और इससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में भारी वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है. मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 18,000 रुपये न्यूनतम बेसिक सैलरी मिलती है, लेकिन अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, तो यह सैलरी बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकती है.
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7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये निर्धारित की गई थी. हालांकि, बढ़ती महंगाई और जीवन यापन के खर्चों को देखते हुए कर्मचारियों ने लंबे समय से इस सैलरी में वृद्धि की मांग की है. सरकार अब इस दिशा में कदम उठाने पर विचार कर रही है, जिससे करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा.
51,480 रुपये हो सकती है नई न्यूनतम बेसिक सैलरी
वर्तमान में जो चर्चा हो रही है, उसके मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर न्यूनतम बेसिक सैलरी में लगभग तीन गुना वृद्धि हो सकती है. यह 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है. यदि ऐसा होता है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे में ऐतिहासिक सुधार होगा.
सरकार की क्या है योजना?
हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय 8वें वेतन आयोग पर गंभीरता से विचार कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पर चर्चा की जा रही है. अगर सिफारिशें पारित होती हैं, तो इसे 2024 में लागू किया जा सकता है.
कर्मचारियों की खुशी में इजाफा
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सरकार से न्यूनतम सैलरी में वृद्धि की अपील की थी. कर्मचारियों का कहना है कि मौजूदा सैलरी संरचना उनके दैनिक खर्चों को पूरा करने में असमर्थ है. 51,480 रुपये की न्यूनतम बेसिक सैलरी से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि इसका सकारात्मक प्रभाव उनके मनोबल और कार्यक्षमता पर भी पड़ेगा.
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग?
महंगाई का प्रभाव: पिछले कुछ वर्षों में महंगाई तेजी से बढ़ी है. 7वें वेतन आयोग के समय तय की गई सैलरी मौजूदा जरूरतों के हिसाब से कम पड़ रही है.
कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ाने की जरूरत: न्यूनतम सैलरी में वृद्धि से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा.
बढ़ती आर्थिक असमानता: सैलरी ढांचे में सुधार से कर्मचारियों के बीच आर्थिक असमानता को कम किया जा सकेगा.
क्या होगा कर्मचारियों के अन्य भत्तों पर असर?
न्यूनतम बेसिक सैलरी में वृद्धि से केवल वेतन ही नहीं, बल्कि अन्य भत्तों जैसे महंगाई भत्ता (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA) आदि में भी इजाफा होगा. इससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा.
कब होगी घोषणा?
फिलहाल, 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार के भीतर मंथन चल रहा है. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो अगले वित्त वर्ष के बजट सत्र में इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है. इससे पहले, वित्त मंत्रालय को विभिन्न कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों से फीडबैक लेना होगा.
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़े बदलाव का संकेत दे रही हैं. अगर न्यूनतम बेसिक सैलरी 51,480 रुपये तक बढ़ती है, तो यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी और उनके जीवन स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगी.
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