Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच तेजी से चल रही है, और अब विमान के मलबे से एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) मिलने की खबर सामने आई है.
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क्या यह DVR ही ब्लैक बॉक्स है, या इसका काम कुछ और है? आइए, इस हादसे से जुड़े ताजा अपडेट और DVR की भूमिका को आसान भाषा में समझते हैं, ताकि हादसे के रहस्य से पर्दा उठ सके.
मलबे से बरामद हुआ DVR
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, गुजरात ATS ने दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया के विमान के मलबे से एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद किया है. ATS के एक अधिकारी ने बताया, “हमें मलबे से एक DVR मिला है, और जल्द ही फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम इसकी जांच के लिए पहुंचेगी.” यह खोज जांच में एक अहम कड़ी साबित हो सकती है, क्योंकि DVR विमान की गतिविधियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है.
DVR क्या है और कैसे काम करता है?
DVR यानी डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर एक ऐसा उपकरण है, जो विमान के केबिन, कॉकपिट और कुछ बाहरी हिस्सों की गतिविधियों को वीडियो के रूप में रिकॉर्ड करता है. यह यात्रियों, केबिन क्रू और कॉकपिट में होने वाली गतिविधियों का वीडियो डेटा संग्रहित करता है. इस डेटा की मदद से जांचकर्ता हादसे से पहले की स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं. हालांकि, DVR हर विमान में होना जरूरी नहीं है, लेकिन यह जांच में सहायक हो सकता है.
क्या DVR ही ब्लैक बॉक्स है?
कई लोग DVR को ब्लैक बॉक्स समझ रहे हैं, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है. ब्लैक बॉक्स में दो मुख्य उपकरण होते हैं: फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR). DVR इन दोनों की तरह ही एक अतिरिक्त उपकरण है, जो वीडियो डेटा प्रदान करता है. यह ब्लैक बॉक्स का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसकी जानकारी ब्लैक बॉक्स के डेटा को सपोर्ट कर सकती है. कुछ आधुनिक विमानों में FDR और CVR को एक ही डिवाइस में जोड़ा जाता है, लेकिन DVR का होना वैकल्पिक होता है.
FDR और CVR की क्या है भूमिका?
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान की तकनीकी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है, जैसे उड़ान की ऊंचाई, गति, इंजन की कार्यक्षमता और कंट्रोल इनपुट. यह डेटा हादसे के कारणों को समझने में मदद करता है.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): यह कॉकपिट में पायलटों की बातचीत, रेडियो संचार और आसपास की आवाजों (जैसे धमाके या अन्य शोर) को रिकॉर्ड करता है. इससे हादसे के दौरान की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
इन दोनों को मिलाकर ही ब्लैक बॉक्स कहा जाता है. DVR इनका वीडियो सपोर्ट प्रदान करता है, जिससे जांच और गहन हो सकती है.
हादसे की जांच में क्या होगा असर?
DVR के मिलने से जांचकर्ताओं को हादसे से पहले की गतिविधियों का वीडियो डेटा मिल सकता है, जो FDR और CVR के डेटा के साथ मिलकर हादसे के कारणों को समझने में मदद करेगा. यह जानकारी यह बता सकती है कि विमान में क्या हुआ था और दुर्घटना क्यों हुई. FSL की टीम अब इस DVR की जांच करेगी, जिससे उम्मीद है कि हादसे का रहस्य जल्द सुलझेगा.
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