पायलट सुमित साभरवाल ने ATC को दिया था MAYDAY..MAYDAY सिग्नल, क्या होता है यह?

Ahmedabad plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एक बड़ा विमान हादसा हो गया. अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट टेकऑफ करते ही क्रैश कर गई. इस विमान में करीब 242 लोग सवार थे.

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12 Jun 2025 (अपडेटेड: 12 Jun 2025, 04:11 PM)

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Ahmedabad plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एक बड़ा विमान हादसा हो गया. अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट टेकऑफ करते ही क्रैश कर गई. इस विमान में करीब 242 लोग सवार थे, जिसमें 2 पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल थे. हादसे को लेकर अब कई अहम जानकारियां सामने आ रही हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि विमान के पायलट ने क्रैश से ठीक पहले 'MAYDAY' सिग्नल दिया था.

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क्रैश से पहले का आखिरी सिग्नल

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस घटना पर विस्तार से जानकारी दी है. डीजीसीए के मुताबिक, 12 जून 2025 को एयर इंडिया का बोइंग 787 विमान (फ्लाइट नंबर AI-171) अहमदाबाद से गैटविक (लंदन) जा रहा था. विमान ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे 23 से उड़ान भरी. उड़ान भरने के तुरंत बाद ही पायलट ने करीबी एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को 'MAYDAY' कॉल दी.

इसके बाद विमान की ओर से एटीसी को कोई और सिग्नल नहीं मिला. उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद विमान एयरपोर्ट परिसर के बाहर गिर गया. इस एयरक्राफ्ट को कैप्टन सुमित साभरवाल उड़ा रहे थे, जिनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे. कैप्टन साभरवाल को 8200 घंटे और क्लाइव को 1100 घंटे उड़ान का अनुभव था.

क्या होती है 'MAYDAY' कॉल?

'मेडे कॉल' (Mayday Call) एक तरह का इमरजेंसी मैसेज होता है. पायलट इसे तब देते हैं, जब विमान किसी गंभीर खतरे में हो और यात्रियों या क्रू की जान को खतरा हो. जैसे कि इंजन फेल होना, आग लगना, हवा में टक्कर का खतरा या हाईजैक जैसी स्थिति.

यह कॉल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और पास के विमानों को अलर्ट करती है कि प्लेन को तुरंत मदद की जरूरत है. इसे रेडियो पर तीन बार बोला जाता है—"Mayday, Mayday, Mayday". ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि साफ हो जाए कि यह कोई मजाक नहीं, बल्कि सच में कोई संकट है.

जैसे ही 'मेडे कॉल' मिलती है, कंट्रोल रूम उस विमान को तुरंत प्राथमिकता देता है. वे सभी जरूरी साधन उसकी मदद में लगा देते हैं, जैसे इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत देना, रनवे खाली कराना, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड तैयार रखना.

'मेडे' शब्द कहां से आया?

'मेडे' शब्द फ्रेंच के "m’aider" से आया है, जिसका मतलब होता है 'मेरी मदद करो'. यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर हालात बहुत गंभीर न हों, लेकिन चिंताजनक हों, तो पायलट 'पैन-पैन' (Pan-Pan) कॉल करता है. यह 'मेडे' से कम गंभीर मानी जाती है.

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