अहमदाबाद विमान हादसा: टेक-ऑफ से पहले ही आई थी चेतावनी, फिर क्यों उड़ा विमान? एयर इंडिया क्रैश पर बड़ा सवाल

Ahmedabad plane Crash: अहमदाबाद में 12 जून, 2025 को हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस भीषण हादसे की मुख्य वजहें तकनीकी खराबी और सॉफ्टवेयर से जुड़ी गड़बड़ियां हो सकती हैं.

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• 01:02 PM • 17 Jul 2025

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Ahmedabad plane Crash: अहमदाबाद में 12 जून 2025 को लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 हादसे का शिकार हो गई. यह विमान टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गया था, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई. अब इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों का मानना है कि विमान में टेक्निकल खराबी और सॉफ्टवेयर से जुड़ी कुछ गड़बड़ियां पहले से ही मौजूद थीं और ये हादसे की बड़ी वजह हो सकती है.

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टेक-ऑफ से पहले ही आई थी चेतावनी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे से कुछ घंटे पहले जब यह विमान दिल्ली से अहमदाबाद आया था, तब पायलट ने फ्लाइट रिकॉर्ड में "Stabilizer Position Transducer" में खराबी दर्ज की थी. यह एक महत्वपूर्ण सेंसर होता है जो विमान के संतुलन के लिए उसकी नाक को ऊपर-नीचे करने की जानकारी सिस्टम को देता है. हालांकि इंजीनियर्स ने इसे ठीक करने की कोशिश की थी, लेकिन अब संदेह है कि इसी वजह से दूसरे सेंसर भी खराब हो गए होंगे.

उड़ान के दौरान अपने-आप बंद हुआ फ्यूल?

जांच में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है कि टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद इंजन को ईंधन देने वाला स्विच अपने आप कट-ऑफ मोड में चला गया था, यानी इंजन में फ्यूल की सप्लाई बंद हो गई थी. 

कॉकपिट की रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है, "तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?" और जवाब मिलता है, "मैंने नहीं किया." इसे 'अनकमान्डेड फ्यूल कट-ऑफ' कहा जाता है. जांच एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं यह किसी सॉफ्टवेयर बग या इलेक्ट्रिक फेल्योर की वजह से तो नहीं हुआ. 12 जुलाई को, नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संबद्ध विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की एक प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट के बीच की कॉकपिट रिकॉर्डिंग की जानाकारी सामने आई.

पहले भी झेल चुका था कई तकनीकी दिक्कतें

यह वही विमान है जिसमें पिछले कुछ सालों में कई बार तकनीकी गड़बड़ियां हो चुकी हैं:

- 12 दिसंबर 2024 को इसी फ्लाइट (AI-171) को अहमदाबाद से लंदन रवाना होना था, लेकिन एक गंभीर इलेक्ट्रिकल फेल्योर के कारण उसे रोक दिया गया. 

- 2015 में केबिन एयर कंप्रेसर (CAC) में खराबी आने के कारण इसी विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी.

- हादसे से पहले 3 हफ्तों में दो बार फ्यूल फाल्स वार्निंग (False Warning) मिली थीं.

क्या हुआ आखिरी 40 सेकंड में?

हादसे में एकमात्र जीवित यात्री विश्वकुमार रमेश के अनुसार, विमान जैसे ही हवा में उठा, एक जोरदार धमाका हुआ, लाइटें टिमटिमाने लगीं और ऐसा लगा जैसे पायलट विमान को ऊपर खींचने की बहुत कोशिश कर रहा था.

विमान केवल 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया. अगर यह 3,600 से 4,900 फीट तक पहुंच जाता, तो "RAT" (Ram Air Turbine) की मदद से पायलट इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश कर सकते थे और यह हादसा टाला जा सकता था. इसपर जांच की जा रही है. 

जांच का फोकस अब कहां है?

- क्या इलेक्ट्रिक फेल्योर या सॉफ्टवेयर बग के कारण इंजन खुद-ब-खुद बंद हुआ?

- क्या विमान के सेंसर पहले से ही गलत डेटा भेज रहे थे?

- क्या FADEC (Full Authority Digital Engine Control) सिस्टम ने खुद गलत आदेश दे दिए?

- क्या किसी पुराने डिफेक्ट का असर नई उड़ान पर पड़ा?

हालांकि इस पूरे हादसे की जांच अभी जारी है, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि यह हादसा सिर्फ मानवीय गलती नहीं, बल्कि टेक्निकल सिस्टम की एक लंबी चूक का नतीजा भी हो सकता है.

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