ट्रेन के AC कोच के यात्रियों के मन में एक ही सवाल- ये कंबल कभी धुले जाते हैं? जानें रेल मंत्री ने क्या बताया

कोच का अटेंडर आता है और आपको बेड रोल देता है. अब आपके मन में पहला सवाल आता है कि क्या ये कंबल कभी धुले भी जाते हैं. न जाने कितने लोग इस कंबल का इस्तेमाल कर चुके होंगे.

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तस्वीर: AI

बृजेश उपाध्याय

28 Nov 2024 (अपडेटेड: 28 Nov 2024, 07:29 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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ट्रेन में दो चादर क्यों दिए जाते हैें?

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कंबल कितने दिन में धुला जाता है?

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साफ चादर और तकिए का कवर नहीं मिलने पर क्या करें?

जब आप अपनी जर्नी प्लान करते हैं तो सबसे पहले कंफर्ट के साथ सुरक्षित यात्रा, एंजॉयबल जर्नी को ध्यान में रखते हैं. इसके लिए आप ट्रेन प्रिफर करते हैं. केवल ट्रेन प्रिफर करने में मन में एक बात होती है और वो है साफ-सफाई. जब आप AC कोच के लिए भारी-भरककम किराया देते हैं और ट्रेन में सवार होते हैं तो बर्थ पर आपको कंबल मिलता है. वो भी पहले से रखा हुआ. 

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कोच का अटेंडर आता है और आपको बेड रोल देता है. अब आपके मन में पहला सवाल आता है कि क्या ये कंबल कभी धुले भी जाते हैं. न जाने कितने लोग इस कंबल का इस्तेमाल कर चुके होंगे. इसके इस्तेमाल से स्कीन समेत दूसरे संक्रमण हो सकते हैं. यात्रियों के मन में उठने वाले इन सवालों को राजस्थान के गंगानगर से कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने लोकसभा में उठा दिया. सांसद ने पूछा- 'क्या कंबल महीने में केवल एक बार धोए जाते हैं, जबकि यात्री तो बेसिक स्वच्छता स्टैंडर्ड को पूरा करने वाले बिस्तर के लिए भुगतान तो ही कर रहे हैं.'

रेल मंत्री ने दिया ये जवाब

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया- कंबल महीने में कम से कम एक बार धोए जाते हैं. भारतीय रेलवे में प्रयुक्त कंबल हल्के होते हैं. इन्हें धोना आसान होता है. इन कंबलों की मानक लिक्विड से मानक स्तर पर धुलाई की जाती है. ट्रेन में मिलने वाले लिनेन चादरों को धुलने के बाद ही यात्री को दिया जाता है. लिनेन की सफाई की गुणवत्ता की जांच के लिए व्हाइटो-मीटर का इस्तेमाल किया जाता है. इन चादरों का जीवन काल कम कर दिया गया है. यानी इन्हें जल्द रिप्लेस कर दिया जाता है. 

रेल मंत्री ने बताया- दो चादर क्यों दिए जाते हैं? 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ट्रेन में दो लिनेन के चादर दिए जाते हैं. एक चादर बर्थ पर बिछाने और दूसरे को कंबल पर कवर की तरह इस्तेमाल करने के लिए दिया जाता है. चादर ओढ़ने के बाद उसके ऊपर से कंबल ओढ़ना होता है जिससे यूज किए गए कंबल के सीधे संपर्क में आप नहीं आते हैं. ध्यान देने वाली बात है कि एक महीने में एक बार कंबल धुलने के कारण कम से कम महीने में 30 लोग तो उसे यूज कर ही लिए होते हैं. 

बेडरोड में मिलती है ये चीजें 

रेलवे आपको बेडरोल के साथ दो सफेद लिनेन की साफ-सुथरी चादरें, एक छोटा टॉवेल और एक तकिए का कवर दिया जाता है. इसके अलावा एक कंबल और एक तकिया दिया जाता है. अक्सर देखा जाता है कि ट्रेन में केवल दो चादर और एक तकिया जिसपर पुरान कवर लगा रहता है या बिना कवर के होता है और एक कंबल दिया जाता है. ऐसे में यात्री को तुरंत वेंडर से डिमांड करनी चाहिए और नहीं मिलने पर रेलवे ने शिकायत की व्यवस्था दी है. इसके लिए रेल मदद एप पर जाकर या 139  डायल कर शिकायत कर सकते हैं. अगले ही स्टेशन पर आपकी शिकायत का निवारण कर दिया जाएगा.

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