शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के ऑपरेशन ब्लू स्टार पर दिए बयान की आलोचना की है. SGPC ने चिदंबरम के बयान का स्वागत तो किया, लेकिन इसे 'आधा सच' करार देते हुए उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. कमेटी का कहना है कि चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को 'साझा फैसला' बताकर तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा है.
ADVERTISEMENT
SGPC ने किस बयान पर जताई आपत्ति
SGPC ने स्पष्ट किया कि 1984 में स्वर्ण मंदिर पर हुए सैन्य अभियान 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' का फैसला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निजी और एकतरफा निर्णय था. कमेटी ने कहा, "यह सेना, पुलिस या खुफिया विभाग का साझा फैसला नहीं था, जैसा कि चिदंबरम ने दावा किया. यह पूरी तरह इंदिरा गांधी के निजी एजेंडे का परिणाम था."
SGPC ने चिदंबरम के बयान को 'देर आए, दुरुस्त आए' बताते हुए सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया. कमेटी ने कांग्रेस से इस मामले में पूर्ण जिम्मेदारी लेने और सच्चाई स्वीकार करने की मांग की.
1984 के दंगों पर उठाए सवाल
SGPC ने कांग्रेस की नीतियों पर भी निशाना साधा. कमेटी ने पूछा कि अगर कांग्रेस वाकई अपनी गलतियों को स्वीकार करती है तो राहुल गांधी 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी नेताओं जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
SGPC ने कहा, "सज्जन कुमार को सजा हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व इन मुद्दों पर खुलकर क्यों नहीं बोलता? राहुल गांधी इन नेताओं के साथ क्यों दिखाई देते हैं?"
चिदंबरम ने क्या कहा था?
हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा था कि ऑपरेशन ब्लू स्टार एक गलत निर्णय था. उन्होंने कहा, इसकी कीमत इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि यह फैसला अकेले इंदिरा गांधी का नहीं, बल्कि सेना और अन्य विभागों का साझा निर्णय था. इस बयान पर SGPC ने कड़ी आपत्ति जताई है.
कांग्रेस के अंदर भी विवाद
चिदंबरम के बयान ने कांग्रेस के अंदर भी हलचल मचा दी है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने चिदंबरम की आलोचना करते हुए कहा, "50 साल बाद ऑपरेशन ब्लू स्टार पर कांग्रेस और इंदिरा गांधी को दोष देने की क्या जरूरत थी? यह वही रवैया है, जो बीजेपी और प्रधानमंत्री अपनाते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है." अल्वी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या चिदंबरम किसी दबाव में हैं, क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक मामले अभी भी लंबित हैं.
ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या था?
जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भारत सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था. इसका मकसद जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों को मंदिर परिसर से हटाना था. जो अलगाववादी गतिविधियों में शामिल थे. उस समय पंजाब में आतंकवाद और अशांति चरम पर थी. इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सेना को स्वर्ण मंदिर में भेजने का फैसला किया था.
इस कार्रवाई में भिंडरावाले और उसके कई समर्थक मारे गए थे. साथ ही स्वर्ण मंदिर को भी नुकसान पहुंचा था. सिख समुदाय ने इसे अपने पवित्र स्थल का अपमान माना था. इसके बाद सिखों में कांग्रेस के खिलाफ गहरा आक्रोश फैल गया था. अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई. इसके बाद दिल्ली और अन्य शहरों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे, जिसमें हजारों सिखों की जान गई.
ADVERTISEMENT