Kunal Kamra Controversy: कुणाल कामरा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, महाराष्ट्र सरकार पर "गद्दार" टिप्पणी वाला है केस

Kunal Kamra Controversy: बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को बड़ी राहत दी है, कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश किया पारित.

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न्यूज तक

25 Apr 2025 (अपडेटेड: 25 Apr 2025, 12:49 PM)

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Kunal Kamra Controversy: बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को आदेश दिया है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ उनके "व्यंग्य वीडियो" और "गद्दार" टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन्हें गिरफ्तार न किया जाए. इस मामले में शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने एफआईआर दर्ज कराई थी.

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जस्टिस सारंग वी कोटवाल और एसएम मोदक की बेंच ने ये आदेश सुनाया. बेंच ने कहा कि हम याचिका स्वीकार कर रहे हैं, खार में दर्ज मामले में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हालांकि जांच जारी रह सकती है. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि जांच एजेंसी कुणाल कामरा का बयान दर्ज करना चाहती है, तो वह चेन्नई में स्थानीय पुलिस की सहायता से यह प्रक्रिया पूरी कर सकती है.

पक्ष-विपक्ष ने रखा ये तर्क

थूल और वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सीरवई ने तर्क दिया था कि 2022 और 2023 में जब शिवसेना और एनसीपी अलग हुए, तब की घटनाओं को कामरा ने पैरोडी के रूप में तथ्यात्मक रूप से बताया था जो केवल एक राजनीतिक व्यंग्य था. सीरवई ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों की ओर इशारा किया, जहां राजनीतिक व्यंग्य करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर रद्द कर दी गई थी. 21 जून, 2022 को, विधानसभा में शिवसेना के नेता और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के साथ एकनाथ शिंदे कई अन्य शिवसेना विधायकों के साथ लापता हो गए थे. 'विद्रोही' समूह पहले सूरत और फिर गुवाहाटी चला गया. पार्टी में इस विद्रोह के बाद ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा.

बाद में शिंदे भाजपा सरकार के समर्थन से मुख्यमंत्री बने. इसके तुरंत बाद, 2 जुलाई 2023 को, अजित पवार ने तब शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ कई अन्य पार्टी नेताओं के साथ मूल समूह से अलग होकर एनसीपी का गठन किया. अजित पवार भी राज्य सरकार में शामिल हो गए और तब से महाराष्ट्र में तीन दलों का गठबंधन महायुति राज्य सरकार चला रहा है.

राज्य की ओर से पेश सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने दलील दी कि कामरा ने जो कहा वह राजनीतिक व्यंग्य नहीं था, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति को दुर्भावनापूर्ण तरीके से निशाना बनाना था जिसे इस देश की जनता ने चुना है और इसलिए मामले की सच्चाई जांच के बाद ही पता चल सकती है और इसलिए याचिका खारिज की जानी चाहिए.

जानें क्या है पूरा विवाद

36 साल के कुणाल कामरा एक स्टैंडअप कॉमेडियन है. उन्होंने एक शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राजनीतिक करियर पर एक टिप्पणी किया था. कामरा ने 'दिल तो पागल है' के एक गाने की पैरोडी करते हुए शिंदे को गद्दार कह दिया था. उन्होंने मजाक उड़ाते हुए इस गाने के जरिए शिवसेना और NCP में विभाजन को लेकर कमेंट किया था.

वीडियो आते ही मचा था बवाल

कुणाल कामरा का वीडियो सामने आने के बाद 23 मार्च की रात शिवसेना (शिंदे गुट) के समर्थकों ने मुंबई के खार स्थित हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ की. शिंदे ने आरोप लगाया कि कामरा ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं बल्कि किसी के लिए काम करने जैसा है.

वहीं, तोड़फोड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कामरा ने कहा कि वह शिंदे को लेकर की गई अपनी टिप्पणियों पर माफी नहीं मांगेंगे. साथ ही उन्होंने उस कॉमेडी क्लब में हुई तोड़फोड़ की निंदा की, जहां उनका शो रिकॉर्ड किया गया था.

इस मामले से जुड़ी डिटेल्ड खबरें यहां पढ़ें:
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