जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के पड्डर सब-डिवीज़न के चशोती इलाके में बादल फट गया है. जिससे बड़े पैमाने पर बढ़ आ गई है. बादल फटने के बाद बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई है. दरअसल ये घटना चिशोती गांव में मचैल माता मंदिर के पास हुई, जिस वक्त बादल फटा उस वक्त यहां काफी लोग धार्मिक यात्रा के लिए इकट्ठा हुए थे.
ADVERTISEMENT
अबतक जितनी जानकारी सामने आई है उसके हिसाब से इस घटना में कम से कम 33 लोगों ने अपनी जान गवाई है, जबकि 120 लोग घायल हुए हैं. वहीं बाढ़ की सूचना मिलने के साथ ही प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया लेकिन मौसम इतना ज्यादा खराब है कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी परेशानी आ रही है.
मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ के कारण मंदिर में आए कई लोग दूरदराज के इलाकों में फंस गए हैं. इसके साथ ही, कश्मीर के राजौरी और मेंढर से भी बाद फटने की जानकारी सामने आई है.
हादसे वाले इलाके में ज्यादा थी आबादी
इस घटना पर आजतक से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला कहते हैं, "जिस जगह पर हादसा हुआ है, उसकी आबादी काफी ज्यादा है. ग्लोबल वॉर्मिंग की जो स्थिति हो गई है, इसमें हर जगह खतरा ही खतरा हो गया है."
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "अभी-अभी जम्मू-कश्मीर के LoP और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से मिली जानकारी के बाद मैंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की. चोसिटी इलाके में बादल फटने से भारी जनहानि की आशंका है. प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है."
केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जरूरी बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन व्यवस्था की जा रही है. मेरे दफ्तर को नियमित अपडेट मिल रहे हैं और हर मुमकिन मदद मुहैया कराई जा रही है.
एजेंसी के मुताबिक, किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया, "किश्तवाड़ के चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है. बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है."
बता दें कि मचैल माता यात्रा जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित मचैल मंदिर की एक वार्षिक तीर्थयात्रा होती है. यह यात्रा देवी दुर्गा के एक रूप, माता चंडी को समर्पित है. यह यात्रा भद्रवाह के चिनोट से शुरू होती है और मचैल मंदिर में खत्म होती है.
ADVERTISEMENT