5 रुपये के Parle-G की कीमत 2300 रुपए! गाजा के मोहम्मद जवाद ने बेटी रफीफ को बिस्किट खिलाते समय बयां की अपनी ये दर्दभरी कहानी

आपने कभी सोचा है कि 5 रुपये का Parle-G बिस्किट 2300 रुपये में भी बिक सकता है? ये चौंकाने वाली हकीकत है युद्धग्रस्त गाजा पट्टी की, जहां एक छोटे से बिस्किट का पैकेट भी आसमान छूती कीमतों पर बिक रहा है.

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न्यूज तक

• 12:37 PM • 07 Jun 2025

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आपने कभी सोचा है कि 5 रुपये का Parle-G बिस्किट 2300 रुपये में भी बिक सकता है? ये चौंकाने वाली हकीकत है युद्धग्रस्त गाजा पट्टी की, जहां एक छोटे से बिस्किट का पैकेट भी आसमान छूती कीमतों पर बिक रहा है. यह सिर्फ एक बिस्किट की कहानी नहीं, बल्कि वहां के लोगों की भूख और लाचारी की दर्दनाक सच्चाई है.

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एक पिता और बेटी की मार्मिक तस्वीर

गाजा में जारी संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें मोहम्मद जवाद नाम के एक फिलिस्तीनी पिता अपनी छोटी बेटी रफीफ को खाने के लिए भारत में बनने वाला Parle-G बिस्किट का एक पैकेट देते दिख रहे हैं, जिसमें 5 रुपए वाले बिस्किट के कई छोटे पैकेट्स होते हैं,  भारत में 50 से 100 रुपये में मिलने वाले इस बड़े पैकेट के लिए जवाद को 24 यूरो (लगभग 2300 रुपये) चुकाने पड़े. उनके पास अपनी बेटी को देने के लिए सिर्फ यही बिस्किट था, क्योंकि गाजा में आटा और शक्कर जैसी आम चीजें भी हजारों रुपये प्रति किलो बिक रही हैं.

दिल छू लेने वाली सोशल मीडिया पोस्ट

1 जून को मोहम्मद जवाद ने 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर अपनी भावनाओं को साझा करते हुए लिखा, "लंबे इंतजार के बाद, आज मैं रफीफ के लिए उसका पसंदीदा बिस्किट ला पाया. हालांकि इसकी कीमत 1.5 यूरो (146 रुपये) से बढ़कर 24 यूरो (2,342 रुपये) हो चुकी है, लेकिन मैं उसे मना नहीं कर सका." यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और लाखों लोगों तक पहुंची, जिसने गाजा की भयावह स्थिति को दुनिया के सामने ला दिया.

मदद की गुहार और कालाबाजारी का सच

इस पोस्ट के बाद कई भारतीय यूजर्स ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पार्ले कंपनी से गाजा में और अधिक Parle-G बिस्किट भेजने की अपील की. एक यूजर ने लिखा, "वह बच्चा भारत का पसंदीदा बिस्किट खा रहा है. क्या हम फिलिस्तीन को ज्यादा पार्ले-जी भेज सकते हैं? ये ग्लूकोज बिस्किट हैं और नागरिक आबादी को राहत पहुंचाने में मदद करेंगे."

हालांकि, जवाद ने एक और पोस्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि गाजा के लिए आने वाली राहत सामग्री सभी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाती, बल्कि कुछ लोग उसे चुराकर ऊंचे दामों पर बाजार में बेच रहे हैं. उनके मुताबिक, आटा 500 डॉलर (लगभग 43,000 रुपये) और चीनी 90 डॉलर (लगभग 7,000 रुपये) प्रति किलोग्राम बिक रही है.

बच्चों में कुपोषण और गंभीर हालात

संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट बताती है कि गाजा में बच्चों में कुपोषण की दर तीन गुना बढ़ गई है. फरवरी से अब तक 50 हजार बच्चों की स्क्रीनिंग हुई है, जिसमें यह alarming स्थिति सामने आई. डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स जैसी संस्थाओं ने भी कहा है कि गाजा में डॉक्टर मरीजों की जान बचाने के लिए अपना खून तक दान कर रहे हैं. मोहम्मद जवाद ने भी अपनी बेटी रफीफ के बीमार होने और पोषण की कमी के कारण उसके विकास के रुकने की बात बताई है.

गाजा में हालात बेहद गंभीर हैं और एक छोटे से बिस्किट की कीमत वहां की दर्दनाक हकीकत बयां कर रही है. दुनिया भर से लोग गाजा में नरसंहार रोकने और वहां की सीमाएं खोलने की मांग कर रहे हैं.
 

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