कितना पॉवरफुल है अमेरिका का 'फाइटर जेट B-2 बॉम्बर'? जिसने इरान के न्यूक्लियर साइट्स पर मचाई तबाही

What Is B2 Bombers Bomb: अमेरिकी वायुसेना के सबसे ताकतवर फाइटर जेट B-2 बॉम्बर से इरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमले किए गए हैं. बताया जा रहा है कि इन बॉम्बर्स ने हजारों किलोग्राम के खास 'बंकर बस्टर' बम गिराए हैं, जिन्हें MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर) भी कहते हैं.

B-2 bomber
B-2 bomber

न्यूज तक

22 Jun 2025 (अपडेटेड: 22 Jun 2025, 08:38 AM)

follow google news

What Is B2 Bombers Bomb: अमेरिका ने ईरान के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों, फोर्डो, नतांज और इशफहान पर हमला किया है. ये हमले अमेरिकी वायुसेना के सबसे ताकतवर फाइटर जेट B-2 बॉम्बर से किए गए. बताया जा रहा है कि इन बॉम्बर्स ने हजारों किलोग्राम के खास 'बंकर बस्टर' बम गिराए हैं, जिन्हें MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर) भी कहते हैं. आइए जानते हैं कितने पॉवरफुल होते हैं B-2 बॉम्बर फाइटर जेट.

Read more!

क्या है MOP बंकर बस्टर बम की खासियत?

MOP बम का वजन करीब 30,000 पाउंड (लगभग 13,600 किलोग्राम) होता है. इसे खास तौर पर जमीन के अंदर बनी मजबूत जगहों को तबाह करने के लिए बनाया गया है. यह बम बेहद मजबूत स्टील से बना होता है, जिससे यह जमीन में सैकड़ों फीट अंदर तक घुस सकता है. अंदर घुसने के बाद यह बम फटता है और छिपे हुए ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है.

GPS से होता है कंट्रोल, सिर्फ B-2 स्पिरिट से ही गिरता है

अमेरिकी वायुसेना के मुताबिक, यह बम GPS से गाइडेड होता है, यानी इसे बिल्कुल सटीक निशाने पर गिराया जा सकता है. इसे केवल B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से ही गिराया जा सकता है. B-2 बॉम्बर की खूबी यह है कि यह रडार से बचकर लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है. यह हवा में ही ईंधन भी भर सकता है, जिससे यह दूर के लक्ष्यों तक भी आसानी से पहुंच जाता है.

200 फीट गहराई तक वार करने में सक्षम

अब तक इस बम का किसी युद्ध में इस्तेमाल होने की कोई पक्की जानकारी सामने नहीं आई थी. लेकिन सैन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बम अब पहले से ज्यादा आधुनिक और असरदार हो गया है. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह बम करीब 200 फीट (लगभग 60 मीटर) गहराई तक घुसकर हमला कर सकता है. पिछले 20 सालों में इसे और बेहतर बनाया गया है.

B-2 बॉम्बर: अमेरिका की हवाई ताकत

फिलहाल, अमेरिकी वायुसेना के पास 19 ऑपरेशनल B-2 बॉम्बर हैं. ये बॉम्बर आवाज की रफ्तार से कम गति पर उड़ते हैं, लेकिन इनकी रेंज बहुत ज्यादा है. 

1990 के दशक में कोसोवो युद्ध के दौरान B-2 पायलट्स ने अमेरिका के मिसौरी स्थित अपने बेस से उड़ान भरकर सीधे लक्ष्य पर हमला किया था. 2017 में, दो B-2 बॉम्बर्स ने 34 घंटे की लंबी उड़ान भरकर लीबिया में इस्लामिक स्टेट के कैंपों पर हमला था.

गौरतलब है कि इजरायल ने गाजा, लेबनान और अब ईरान में हवाई हमलों में अमेरिकी बमों का इस्तेमाल किया है, लेकिन उसके लड़ाकू विमान इतने भारी बम ले जाने में सक्षम नहीं हैं. शायद यही वजह है कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू लगातार ट्रंप से ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल होने की मांग कर रहे थे.

    follow google newsfollow whatsapp